Haryana Farmers Protest: SDM आयुष सिन्हा के किसानों के 'सिर फोड़ने' वाले वायरल वीडियो पर करनाल डीएम निशांत यादव का आया बयान, कही ये बात!

Haryana Farmers Protest: हरियाणा के करनाल में शनिवार को किसान आंदोलन (Karnal Kisan Andolan) के दौरान करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा (Karnal SDM Ayush Sinha Viral Video) का 'किसानों का सिर्फ फोड़ देने वाला वीडियो वायरल होने को बाद ये मामला शांत होता नहीं दिख रहा.इस मामले में अब करनाल के DM निशांत यादव (Karnal DM Nishant Yadav) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.

शनिवार को किसान आंदोलन में पुलिस की लाठी से घायल किसान और करनाल डीएम निशांत यादव, (Photo-ANI, Twitter)

Haryana Farmers Protest: हरियाणा के करनाल में शनिवार को किसान आंदोलन (Karnal Kisan Andolan) के दौरान करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा (Karnal SDM Ayush Sinha Viral Video) का 'किसानों का सिर्फ फोड़ देने वाला वीडियो वायरल होने को बाद ये मामला शांत होता नहीं दिख रहा.इस मामले में अब करनाल के DM निशांत यादव (Karnal DM Nishant Yadav) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.

निशांत यादव ने कहा है कि घटना के दौरान कुछ शब्दों का प्रयोग उचित नहीं था. मैं करनाल प्रशासन के प्रमुख के रूप में इसपर खेद व्यक्त करता हूं. उन्होंने एसडीएम आयुष सिन्हां का बचाव भी किया.

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DM निशांत यादव ने आगे कहा कि, SDM आयुष सिन्हा को इस तरह की भाषा शैली का उपयोग नहीं करना चाहिए था लेकिन सिन्हा एक ईमानदार अफसर हैं. उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया, जो उन्हें नहीं करना चाहिए था. लेकिन उनकी मंशा गलत नहीं थी.

करनाल जिला कलेक्टर निशांत यादव ने कहा कि, एसडीएम आयुष सिन्हा ने पुलिस बल से कहा कि अगर प्रदर्शनकारी अपने स्थान पर पहुंचते हैं, तो वे तब तक 2 नाके तोड़ चुके होंगे और अगर उन्होंने अपना नाका पार किया, तो वे तोड़फोड़ करेंगे. इसलिए उन्हें अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उनसे बात करने की जरूरत है और अगर कोई नहीं समझता है, तो डंडों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

वहीं, आज हरियाणा के करनाल में महापंचायत में किसान नेताओं ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है. किसान नेताओं ने तीन मांगे रखी हैं उनका कहना है कि लाठीचार्ज के बाद मृतक किसान के परिवार को 25 लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए.

साथ ही जो किसान घायल हुए हैं उन्हें 2-2 लाख का मुआवजा मिले. लाठीचार्ज के लिए दोषी अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की जाए. इसके लिए किसान नेताओं ने सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया है. नेताओं का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वो 7 सितंबर को करनाल में महापंचायत बुलाएंगे.

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