दिल्ली सरकार ने छात्रों को उपलब्ध कराए हैंड सैनिटाइजर और एन 95 मास्क
सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने दसवीं-बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय लिया है. कई स्कूलों में इस मौके पर छात्रों और शिक्षकों को हैंड सैनिटाइजर और एन 95 मास्क उपलब्ध कराए गए.
नई दिल्ली, 18 जनवरी : सीबीएसई बोर्ड (Cbse board) परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने दसवीं-बारहवीं कक्षा के छात्रों (Hand sanitizer) के लिए स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय लिया है. कई स्कूलों में इस मौके पर छात्रों और शिक्षकों को हैंड सैनिटाइजर और एन 95 मास्क उपलब्ध कराए गए. मार्च 2020 के बाद पहली बार स्कूल खुलने पर 10वीं-12वीं के छात्र पहली बार स्कूल पहुंचे हैं. आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने कहा कि, "लॉकडाउन के बाद स्कूल खुलने पर सभी सुरक्षा उपाय किए गए हैं. छात्रों-शिक्षकों को एन 95 मास्क और हैंड सैनिटाइजर दिए गए हैं. पढ़ाई दोबारा से बंद न हो यह सुनिश्चित करने के लिए हमें हर संभव प्रयास करना है."
राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने सोमवार को दिल्ली के कई स्कूलों का दौरा किया. इस दौरान छात्र व शिक्षकों दोनों को ही कोरोना से बचाव के उपयुक्त संसाधन भी मुहैया कराए गए. युवा छात्रों से बातचीत के दौरान राजेंद्र नगर विधायक राघव चड्ढा ने सभी को मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और नियमित रूप से हाथों को साफ करने संबंधी कोविड 19 सुरक्षा उपायों को लेकर प्रेरित किया. कक्षा दसवीं-बारहवीं के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षाएं अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. छात्रों को इस स्तर पर परीक्षा में बैठने से पहले सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होगी. छात्र मार्च 2020 के बाद पहली बार स्कूल आ रहे हैं. पिछला साल सभी के लिए बेहद कठिन रहा है. यह भी पढ़ें : दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा पांच दिवसीय संवाद का उद्घाटन किया: 18 जनवरी 2021 की बड़ी खबरें और मुख्य समाचार LIVE
दिल्ली में स्कूल मार्च 2020 में बंद कर दिए गए थे, ताकि कोविड 19 के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके. ऐसे में शिक्षा को जारी रखने के लिए पढ़ाई ऑनलाइन कक्षाओं में तब्दील हो गई. अब कक्षा दसवीं और बारहवीं के छात्रों के लिए स्कूल फिर से खोल दिए गए हैं. हालांकि शारीरिक उपस्थिति अनिवार्य नहीं है. छात्र अपने माता-पिता की सहमति से ही स्कूल आ सकते हैं.