पूर्वजों ने ये गलती न की होती तो आज हिंदुओं की दुर्दशा न होती: गिरिराज सिंह

राजस्थान में जलझूलनी एकादशी के अवसर पर निकाले गए जुलूस पर कथित पथराव की घटना पर नाराजगी व्यक्त करते हुए केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि अगर मेरे पूर्वजों ने आजादी के समय सारे मुसलमानों को पाकिस्तान भेज दिया होता तो आज हिंदुओं की यह दुर्दशा नहीं होती.

Credit -PTI

नई दिल्ली, 15 सितंबर : राजस्थान में जलझूलनी एकादशी के अवसर पर निकाले गए जुलूस पर कथित पथराव की घटना पर नाराजगी व्यक्त करते हुए केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि अगर मेरे पूर्वजों ने आजादी के समय सारे मुसलमानों को पाकिस्तान भेज दिया होता तो आज हिंदुओं की यह दुर्दशा नहीं होती.

उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं पर आक्रमण हुआ, उनकी हत्या की गई, लूट की गई, आगजनी और बलात्कार किया गया. इसके बाद कांग्रेसी नेताओं और टुकड़े-टुकड़े गैंग ने यही स्थिति भारत में होने की बात कही गई. मुसलमानों की ओर से राजस्थान से लेकर उत्तर प्रदेश तक पथराव की घटना जोरों पर चल रही है. मेरा देश के तमाम सनातनी लोगों से एक ही आग्रह है कि अब समय आ गया है कि आप लोग इकट्ठा हो जाइए. मैंने पहले भी कहा था अब भी कह रहा हूं नहीं तो आपको जीने नहीं दिया जाएगा.” यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री मोदी ने रांची से 660 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत की

इसके बाद उन्होंने कहा, “हमने कभी मुसलमानों के ताजिया पर पत्थर नहीं फेंके. लेकिन इसके बावजूद हमारी पूजा पद्धति पर उन्हें आपत्ति क्यों है. अगर आज पूजा पद्धति पर विरोध है, हिंदुओं के जुलूस पर विरोध है. तो कल यह लोग भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति करना चाहते हैं. हिंदुओं को हर संभव इसका प्रतिकार करना चाहिए. आज भागलपुर में आए हुए मुस्लिम युवक द्वारा अयोध्या के राम मंदिर को उड़ाने की धमकी दी जा रही है. इस पर मुझे फिर से अपने पूर्वजों की गलतियां याद आती हैं. अगर मेरे पूर्वजों ने जिसमें नेहरू या और लोग थे- ने उस समय सारे मुसलमानों को पाकिस्तान भेज दिया होता तो आज हिंदुओं की दुर्दशा नहीं होती.”

वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर कहा, “वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर जो लोग माइक लेकर गलियों में जाकर लोगों में दुर्भावना फैला रहे हैं, समाज में तनाव फैला रहे हैं. उस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. राहुल गांधी हिंदुस्तान के नाम पर पत्रकारों से माइक छीन लेते हैं लेकिन मुसलमानों के नाम पर उनके मुंह से शब्द नहीं निकलते. वक्फ बोर्ड के नाम पर यह बहुत ही खतरनाक खेल हो रहा है.”

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