Gyanvapi Survey Report: ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद काशी में पुलिस ने बढ़ाई सतर्कता
ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद पुलिस काफी अलर्ट मोड पर आ गई है. पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने निर्देशित किया कि चेकिंग अभियान में सतर्कता बरती जाए.
वाराणसी, 26 जनवरी : ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद पुलिस काफी अलर्ट मोड पर आ गई है. पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने निर्देशित किया कि चेकिंग अभियान में सतर्कता बरती जाए. आज गणतंत्र दिवस के साथ ही जुमे की नमाज है. इसे लेकर कमिश्नरेट की पुलिस और एलआईयू को अधिक अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं.
पुलिस सूत्रों की मानें तो सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर गंभीरता से नजर रखी जा रही है. कोई भी अफवाह फैला कर माहौल बिगाड़ने का प्रयास करे तो उसका तत्काल खंडन कर संबंधित के खिलाफ प्रभावी तरीके से निरोधात्मक कार्रवाई की जाए. यह भी पढ़ें : गणतंत्र दिवस: मोटरसाइकिल पर करतब दिखाकर महिला सैन्य कर्मियों ने किया ‘नारी शक्ति’ का प्रदर्शन
दरअसल, ज्ञानवापी परिसर की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की सर्वे रिपोर्ट बुधवार को मुकदमे के पक्षकारों ने सार्वजनिक कर दी. सर्वे के दौरान 32 जगह मंदिर से संबंधित प्रमाण मिले हैं. पक्षकारों ने जो सर्वे रिपोर्ट दी है, वह 839 पेज की है.
जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों को देने का आदेश दिया था. इसकी कॉपी पक्षकारों को गुरुवार को कोर्ट से मिली है. इसके बाद हिंदू पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने पत्रकारों से बात की और कहा कि सर्वे से साबित हो गया कि ज्ञानवापी बड़ा हिंदू मंदिर था. उसे तोड़कर मस्जिद का रूप दिया गया. अब सील वजूखाने के सर्वे का अनुरोध किया जाएगा.
ज्ञात हो कि 18 दिसंबर को एएसआई ने कोर्ट में सील बंद लिफाफे में स्टडी रिपोर्ट सौंपी थी. इसी दिन हिंदू पक्ष ने कोर्ट से सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की थी. लेकिन मुस्लिम पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई थी. हालांकि, बाद में मुस्लिम पक्ष ने भी कोर्ट से कॉपी सौंपने की मांग की जिस पर 3 जनवरी को सुनवाई होनी थी.
हालांकि, उस दिन सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद 5 जनवरी को कोर्ट में सुनवाई हुई. लेकिन कोई फैसला नहीं आया. इसके बाद 24 जनवरी की सुनवाई में कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दोनों पक्षों को देने को लेकर फैसला सुनाया.