भारतीय परिवार व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता: RSS

ष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भारतीय परिवार व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि ‘भारतीय परिवार व्यवस्था’ मानवता के लिए अनमोल योगदान है. आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के तीन दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन शनिवार को भारतीय परिवार व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में प्रयासों पर एक प्रस्ताव पारित किया गया.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक (Photo Credits ANI)

ग्वालियर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भारतीय परिवार व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि ‘भारतीय परिवार व्यवस्था’ मानवता के लिए अनमोल योगदान है. आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के तीन दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन शनिवार को भारतीय परिवार व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में प्रयासों पर एक प्रस्ताव पारित किया गया. इसके साथ देश की स्वतंत्रता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद सरकार के इतिहास से देशवासियों को परिचित कराने के संबंध में एक वत्तक्वय जारी किया गया.

प्रतिनिधि सभा में शुक्रवार की कार्यवाही की जानकारी देते हुए आरएसएस के सह सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी परिवार व्यवस्था मानवता के लिए अनमोल योगदान है। अपनी विशेषताओं के कारण हिन्दू परिवार व्यक्ति को राष्ट्र से जोड़ते हुए वसुधैव-कुटुम्बकम् तक ले जाने वाली यात्रा की आधारभूत इकाई है.’’उन्होंने कहा कि संघ की प्रतिनिधि सभा का यह स्पष्ट मत है कि अपनी परिवार व्यवस्था को जीवंत तथा संस्कारक्षम बनाए रखने के लिए आज व्यापक एवं महती प्रयासों की आवश्यकता है. सपरिवार सामूहिक भोजन, भजन, उत्सवों का आयोजन व तीर्थाटन, मातृभाषा का उपयोग, स्वदेशी का आग्रह, पारिवारिक व सामाजिक परम्पराओं के संवर्धन व संरक्षण से परिवार सुखी व आनंदित होंगे.

परिवार व समाज परस्पर पूरक हैं. समाज के प्रति दायित्वबोध निर्माण करने के लिए सामाजिक, धार्मिक व शैक्षणिक कार्यों हेतु दान देने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहन एवं अभावग्रस्त व्यक्तियों के यथासंभव सहयोग के लिए तत्पर रहना हमारे परिवार का स्वभाव बनना चाहिये. होसबोले ने कहा, “हमारी परिवार व्यवस्था की धुरी माँ होती है. मातृशक्ति का सम्मान करने का स्वभाव परिवार के प्रत्येक सदस्य में आना चाहिए. सामूहिक निर्णय हमारे परिवार की परंपरा बननी चाहिए। परिवार के सदस्यों में अधिकारों की जगह कर्तव्यों पर चर्चा होनी चाहिए। कालक्रम से अपने समाज में कुछ विकृतियां व जड़ताएं समाविष्ट हो गई हैं. दहेज, छुआछूत व ऊँच-नीच, बढ़ते दिखावे एवं अनावश्यक व्यय, अंधविश्वास आदि दोष हमारे समाज के सर्वांगीण विकास की गति में अवरोध उत्पन्न कर रहे हैं। इन कुरीतियों व दोषों को जड़मूल से समाप्त कर एक संस्कारित एवं समरस समाज के निर्माण की दिशा में कार्य होना चाहिये.

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उन्होंने कहा कि सम्मेलन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद सरकार के इतिहास से युवाओं को रूबरू कराने का वक्तव्य जारी किया गया। इस साल आजाद हिंद सरकार के गठन की 75वीं वर्षगांठ है। आजाद हिंद सरकार का गठन देश के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी महत्वपूर्ण घटना थी. इसे कई देशों ने मान्यता प्रदान की थी. होसबोले ने कहा कि आजाद हिन्द सरकार के गठन के बाद देश के लोगों में यह विश्वास बढ़ा था कि देश को आजादी मिल सकती है। इसी इतिहास को युवाओं को बताने की जरूरत है. देश की वर्तमान सरकार ने इस दिशा में काम किया है. हाल ही में अंडमान के दो द्वीपों का नाम शहीद और स्वराज रखा गया है और लाल किले में एक संग्रहालय भी बनाया गया है.

उन्होंने यह भी कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को फिर से परिभाषित करने की जरूरत है, क्योंकि कई बातें उसमें छूट गई हैं और कुछ जानबूझकर छोड़ी गई हैं. भाजपा के राष्ट्रीय अध्य़क्ष अमित शाह प्रतिनिधि सभा के सम्मेलन में शामिल होने आए हैं. इस पर होसबोले ने कहा कि वह हर साल बैठक में आते हैं और इसका आने वाले चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। संघ की ओर से पहले ही कहा गया है कि चुनाव में ज्यादा से ज्यादा मतदान हो, इसके लिए कार्यकर्ता काम करते हैं.उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रतिनिधि सभा का काम मोदी सरकार के कामकाज की समीक्षा करना नहीं है. सभा ने कभी भी किसी भी सरकार के कामकाज की समीक्षा नहीं की.

पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले पर देश के कुछ लोगों और राजनीतिक दलों द्वारा सबूत मांगे जाने संबंधी सवाल पर होसबोले ने कहा कि देश के नागरिकों से लेकर दुनिया के किसी देश ने इसका सबूत नहीं मांगा, लेकिन कुछ लोग मांग रहे हैं तो उनकी ही देशभक्ति पर सवाल उठना स्वाभाविक है. प्रतिनिधि सभा की बैठक का रविवार को अंतिम दिन है। इसमें कुछ और प्रस्ताव तथा वक्तव्य रखे जाएंगे.

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