Gurugram Artificial Rain Video: गुरुग्राम में आर्टिफिशियल बारिश! प्रदूषण से निपटने के लिए कराई गई कृत्रिम वर्षा
दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब स्तर पर पहुंच गया है, जिससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच हरियाणा के गुरुग्राम में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए आर्टिफिशियल बारिश कराई गई.
गुरुग्राम: दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब स्तर पर पहुंच गया है, जिससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच हरियाणा के गुरुग्राम में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए आर्टिफिशियल बारिश कराई गई. सेक्टर-82 में स्थित डीएलएफ प्राइमस हाउसिंग कॉम्प्लेक्स ने अपने परिसर में 'कृत्रिम बारिश' का प्रयोग शुरू किया है, जिसमें ऊंची इमारतों पर लगे फायरफाइटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि धूल और अन्य हानिकारक कणों को नियंत्रित किया जा सके.
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डीएलएफ प्राइमस में, इमारत की 32 मंजिलों से पानी के स्प्रिंकलर्स और पाइप्स के जरिए पानी बरसाया गया. इसका उद्देश्य हवा में मौजूद धूल और अन्य छोटे-छोटे कण जो बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं, उन्हें नियंत्रित करना है.
कॉम्प्लेक्स की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) के अध्यक्ष अचल यादव ने बताया कि यह कदम निवासियों की सेहत को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, क्योंकि सरकार अकेले प्रदूषण पर काबू नहीं पा सकती. यादव का कहना है कि अगर AQI बहुत खराब रहता है, तो वे इस कृत्रिम बारिश को रोजाना भी कर सकते हैं.
गुरुग्राम में आर्टिफिशियल बारिश
डीएलएफ प्राइमस ने सिर्फ कृत्रिम बारिश ही नहीं, बल्कि प्रदूषण से निपटने के लिए और भी उपाय किए हैं. कॉम्प्लेक्स में एक कारपूल सेवा शुरू की गई है, जो गुरुग्राम के साइबर सिटी और दिल्ली जैसे इलाकों तक जाने वाले निवासियों के लिए है. इससे न सिर्फ प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि ट्रैफिक पर भी थोड़ा नियंत्रण होगा.
कृत्रिम बारिश के पीछे का विज्ञान
आमतौर पर, कृत्रिम बारिश या 'क्लाउड सीडिंग' को प्राकृतिक बारिश बढ़ाने के लिए किया जाता है. इसमें वातावरण में सिल्वर आयोडाइड या ड्राई आइस जैसी चीजों का उपयोग किया जाता है ताकि वर्षा को बढ़ावा दिया जा सके. हालांकि, गुरुग्राम में इस्तेमाल की जा रही तकनीक थोड़ी अलग है, जिसमें बस पानी के स्प्रिंकलर का प्रयोग करके इमारतों से पानी बरसाया जा रहा है ताकि धूल को हवा में उठने से रोका जा सके.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी हाल ही में बताया कि सरकार कृत्रिम बारिश को प्रदूषण से लड़ने के उपाय के रूप में अपनाने पर विचार कर रही है. इससे यह बात साफ होती है कि अगर ऐसे अनोखे उपाय सफल होते हैं, तो भविष्य में अन्य हाउसिंग कॉम्प्लेक्स भी इस तकनीक को अपना सकते हैं.