गुजरात पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन SIMI का पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शाहिद बद्र को आजमगढ़ से किया गिरफ्तार

गुजरात पुलिस (Gujarat Police) ने प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंड इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (Islamic Movement of India ) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शाहिद बद्र (Shahid Badra) को गिरफ्तार कर लिया. गुरजात पुलिस ने गुरुवार रात कर्रवाई करते हुए शाहिद बद्र को गिरफ्तार किया है. शाहिद बशीर की तलाश गुजरात पुलिस लंबे समय से कर रही थी. 18 वर्ष पूर्व गुजरात के कच्छ जिले में भड़काऊ भाषण देने बाद इसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

गुजरात पुलिस ने किया गिरफ्तार ( फोटो क्रेडिट- ANI )

गुजरात पुलिस (Gujarat Police) ने प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंड इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (Islamic Movement of India ) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शाहिद बद्र (Shahid Badra) को गिरफ्तार कर लिया. गुरजात पुलिस ने गुरुवार रात कर्रवाई करते हुए शाहिद बद्र को गिरफ्तार किया है. शाहिद बशीर की तलाश गुजरात पुलिस लंबे समय से कर रही थी. 18 वर्ष पूर्व गुजरात के कच्छ जिले में भड़काऊ भाषण देने बाद इसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. जिसके बाद छह वर्ष पूर्व गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था. गुजरात पुलिस ने शहीद को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से गिरफ्तार किया.

उत्तर प्रदेश में शाहिद बद्र के खिलाफ कई जिलों में भी मुकदमे दर्ज हैं. गुजरात में उन पर भड़काऊ भाषण देने का मुकदमा दर्ज किया गया था. गुजरात कोर्ट से उनके खिलाफ अक्टूबर 2012 में गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था. वहीं परिवार के लोगों का कहना है कि उन्हें इस विषय में को जानकारी नहीं थी, रात में पुलिस गिरफ्तार कर लिया. बता दें कि शाहिद बद्र को गुजरात पुलिस ने आईपीसी की धारा 353 / 143 ,147 के तहत दर्ज मुकदमे में गिरफ्तार किया है.

यह भी पढ़ें:- SIMI पर बैन बरकरार, केंद्र सरकार ने प्रतिबंध 5 साल और बढ़ाया.

गौरतलब हो कि आतंकी वारदातों में कथित तौर पर शामिल सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) पर से केंद्र सरकार ने बैन हटाने से इनकार कर दिया था. देश की सुरक्षा का हवाला देते हुए केंद्र ने सिमी पर लगे प्रतिबंध को 5 सालों के लिए बढ़ा दिया था. गृह मंत्रालय ने 58 ऐसे मामलों को सूचीबद्ध किया जिसमें सिमी के सदस्य कथित रूप से शामिल थे.

इसमें बिहार के गया में 2017 में हुआ विस्फोट, 2014 में बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम में विस्फोट और 2014 में ही भोपाल में जेल ब्रेक शामिल हैं. इस समूह के सदस्य कथित तौर पर बैंक लूट, पुलिसकर्मियों की हत्या, विस्फोट सहित अन्य मामलों में शामिल रहे हैं.

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