गांधीनगर, 12 नवंबर: सूरत (Surat) में महज 29 दिनों में चार साल की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने 39 वर्षीय व्यक्ति को उम्रकैद की सजा सुनाई है. प्रकाशचंद्र कला की विशेष अदालत ने गुरुवार को हनुमान निषाद को 12 अक्टूबर को लड़की के साथ दुष्कर्म करने का दोषी पाया. पीड़िता एक औद्योगिक क्षेत्र में लावारिस पाई गई थी. अदालत ने पीड़िता के परिवार को 15 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया. गुवाहाटी हाईकोर्ट ने अभद्र भाषा मामले में सुब्रमण्यम स्वामी पर फैसला सुरक्षित रखा
इस आदेश के अनुसार, निषाद का अपराध का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. इसमें कहा गया है कि इस प्रकार की घटनाएं बढ़ रही हैं क्योंकि असहाय नाबालिग लड़कियां अपना बचाव करने में सक्षम नहीं हैं, जो इस तरह के अपराधों को और अधिक गंभीर बनाता है. अदालत ने कहा कि पीड़िता अपने जीवन में हमेशा के लिए प्रभावित रहेगी और आरोपी पर दया करना समाज को गलत संदेश देगा.
लोक अभियोजक ने कहा, "अदालत ने रात 12 बजे तक सुनवाई की. अदालत ने सिर्फ तीन दिनों में 35 गवाहों से पूछताछ की. यह कवायद केवल त्वरित न्याय देने और ऐसे अपराधों के अपराधियों को कड़ा संदेश देने के उद्देश्य से की गई. "गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि राज्य पुलिस ने दिन-रात काम किया और महज 9 दिनों में चार्जशीट दाखिल कर दी जिससे त्वरित न्याय संभव हुआ. संघवी ने कहा, "राज्य सरकार त्वरित न्याय के लिए कटिबद्ध है. ऐतिहासिक कम अवधि में आए फैसले ने पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय सुनिश्चित किया है.
इसने अपराधियों में डर भी पैदा किया है. इससे समाज में एक मजबूत उदाहरण स्थापित किया गया है. "सूरत के सचिन जीआईडीसी इलाके में अपने घर के बाहर खेल रही बच्ची को आरोपी ने उठा लिया और उसके साथ मारपीट की. उसने अपने मोबाइल फोन पर पोर्न फिल्म देखकर वारदात को अंजाम दिया था. बाद में पुलिस को उसके मोबाइल फोन से 149 अश्लील फिल्में मिलीं. आरोपी सागर शाह उर्फ लकी नाम के शख्स से मेमोरी कार्ड में अश्लील फिल्में खरीदता था. सागर कंप्यूटर में इंटरनेट से अश्लील क्लिप डाउनलोड करता था और मेमोरी कार्ड में कॉपी करके ऐसे सभी कार्ड को 300 रुपये में बेच देता था. सागर को भी गिरफ्तार किया गया है.