मुंबई: गुजरात के अहमदाबाद से एक साहसी घटना सामने आई हैं. अहमदाबाद में एक 17 वर्षीय लड़की और उसकी 19 वर्षीय बहन ने खुद ही एक बड़ी घटना से बचाया हैं. स्कूल जाते समय एक शख्स ने नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की थीं. बहनों ने साथी छात्रों और लोगों की मदद से पीछा करने वाले पर पीटा गया. यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई, जिसके बाद ये वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना गुरूवार शुबह 6:45 को आरोपी विजय सरकाटे ने नाबालिक को साइकिल से स्कूल जाते हुए रोक लिया. आरोपी ने जबरन उसका हाथ पकड़ लिया और उसे गिफ्ट देने लगा. जब नाबालिक ने गिफ्ट लेने से इनकार कर दिया, तो उसने उपहार उसके बैग में रख दिया और उसे जबरदस्ती छेड़छाड़ लगा. इसके बाद लड़की घर आ गई और अपनी मां को आपबीती बताई. इसके बाद माँ ने अपनी बेटियों को पीछा करने वाले को सबक सिखाने के लिए प्रोत्साहित किया. BMC कोविड सेंटर घोटाले की जांच को लेकर ED की कार्रवाई पर भड़के उद्धव ठाकरे, कहा- PM केयर फंड की भी जांच हो
अगली सुबह विजय सरकाटे वापस लौटा और एक बार फिर नाबालिक का हाथ पकड़कर उसका रास्ता रोक लिया. इसके बाद बड़ी बहन ने फौरन बीच में हस्तक्षेप किया और दोनों बहनों ने विजय सरकाटे का सामना किया. उनके स्कूल के अन्य छात्र और लोगों ने भी बड़ी बहन का साथ दिया और पीछा करने वाले की पिटाई कर दी. लड़कियों के माता-पिता ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया और विजय सरकाटे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.
#Ahmedabad: 2 teen sisters confront a molester. They fought him off when the man tried to molest the school going girl. pic.twitter.com/yeGQCo49pK
— sanjana (she/her) (@sanjanausd08) June 24, 2023
कागदापीठ पुलिस में दर्ज एफआईआर के अनुसार, लड़कियों की मां ने बताया कि उनकी बेटियों के स्कूल जाने के बाद, उनकी बड़ी बेटी ने उन्हें फोन किया और पीछा करने वाले के बारे में बताया. दोनों बहनों ने मामले को अपने हाथ में ले लिया और उस आदमी को पकड़ लिया जो दो दिनों से छोटी बहन का पीछा कर रहा था.
इसके बाद माता-पिता भूलाभाई पार्क बस स्टैंड पर घटनास्थल पर पहुंचे, जहां उन्होंने देखा कि उनकी दोनों बेटियां, अन्य छात्रों और कुछ लोग विजय सरकाटे को पीट रहे थे. कागदापीठ पुलिस ने विजय सरकाटे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत छेड़छाड़ और पीछा करने के आरोपों के अलावा यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.