अहमदाबाद, तीन जुलाई: दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भारी बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई, जिसके चलते सूरत, बनासकांठा और राजकोट जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के पांच दल भेजे गये हैं. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि दक्षिण गुजरात के नवसारी और तापी जिलों के कुछ हिस्सों के साथ-साथ देवभूमि द्वारका, जूनागढ़ और जामनगर में रविवार सुबह छह बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में भारी वर्षा हुई, जबकि राज्य के 30 तालुका में 50 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई.
एसईओसी के मुताबिक, नर्मदा, भरूच, सूरत और वड़ोदरा के कुछ हिस्सों में दिन में अच्छी बारिश हुई. ट्विटर पर जारी अपडेट में एसईओसी ने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा गुजरात के कुछ हिस्सों में अगले पांच दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान किये जाने के मद्देनजर एनडीआरएफ ने ‘मानसून पूर्व तैनाती’ के तहत वड़ोदरा स्थित अपने केंद्र से सूरत, बनासकांठा और राजकोट जिलों में पांच दल भेजे हैं.
एजेंसी के अनुसार, एक-एक टीम सूरत और बनासकांठा, जबकि तीन टीम राजकोट रवाना की गई हैं.
अधिकारियों ने बताया कि नवसारी में भारी जलभराव के चलते ट्रैफिक जाम और अंडरपास बाधित होने की समस्या सामने आई, जबकि जूनागढ़ और देवभूमि द्वारका में मॉनसूनी नदियों और स्थानीय बांधों में पानी का प्रवाह बढ़ गया.
एसईओसी के मुताबिक, रविवार सुबह छह बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में नवसारी जिले के वंसदा तालुका में 136 मिलीमीटर, देवभूमि द्वारका के खंभालिया में 114 मिलीमीटर, जूनागढ़ के मानवादार में 106 मिलीमीटर और तापी के डोलवन में 98 मिलीमीटर बारिश हुई.
आईएमडी ने शनिवार को कहा था कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून गुजरात पहुंच चुका है और क्षेत्र में सक्रिय है, जिसके चलते वहां अगले पांच दिनों में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं.
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