गुजरात: पिछले कुछ दिनों से जलाराम इलाके से मगरमच्छ मिलना चिंता का विषय बना हुआ है. मंगलवार को Gujarat Society for Prevention of Cruelty to Animals की टीम ने इलाके से विश्वामित्री नदी से बाढ़ के कारण बह कर आए 14 फिट के मगरमच्छ को निकाला गया. ये मगरमच्छ बाढ़ की नाली में घुसा हुआ था. टीम को फंसे हुए मगरमच्छ को निकालने में वक्त लगा क्योंकि वो काफी भारी था. निकालने के बाद मगरमच्छ को फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट के हावाले कर दिया गया. विश्वामित्री नदी का पाने बाढ़ के कारण बढ़ने के कारण उसमें रहने वाले मगरमच्छ बहकर रहिवासी इलाके में आ गए हैं. जिसकी वजह से आए दिन आसपास के इलाके में आए दिन मगरमच्छ देखे जाते हैं. बता दें कि सोमवार की आधीरात 4 फीट लंबे मगरमच्छ को अकोटा गांव की एक बिल्डिंग के बेसमेंट में पाया गया. वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट के वोलंटियर को खबर मिलने के बाद वो मौके पर पहुंचे. घंटों मेहनत करने के बाद मगरमच्छ को पकड़ लिया गया और वन विभाग को सौंप दिया गया. एक और मगरमच्छ को वडसार एरिया के मैदान में पाया गया, जिसे वडसार की एनीमल एक्टिविस्ट नेहा पटेल ने एक पुलिस अधिकारी की मदद से निकाला और वन अधिकारी को उसे सौंप दिया. इसके अलावा एक और तीन फिट का मगरमच्छ जम्बुआ गांव से सोमवार की रात निकाला गया.
Gujarat: Forest department has rescued a crocodile from Karelibaug area in Vadodara. pic.twitter.com/MIARI623y1
— ANI (@ANI) August 14, 2019
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31 जुलाई से राज्य में जोरदार बारिश की वजह से बाढ़ आ गई है, तबसे यहां के अलग-अलग जगहों से 30 मगरमच्छ निकाले जा चुके हैं. इन मगरमच्छों का घर विश्वामित्री नदी है, जहां से ये बाढ़ के पानी में बहकर आ रहे हैं. इस नदी में लगभग 260 मगरमच्छ रहते हैं. वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट का कहना है कि नदी के भारी बहाव से बचने के लिए नदी से निकलकर छोटे तालाबों में जाना पसंद कर रहे हैं.