गुजरात बुलेट ट्रेन परियोजना ,भूमि अधिग्रहण संशोधन को राष्ट्रपति की मंजूरी को चुनौत
सूरत के पांच में से चार किसानों ने अदालत की अनुमति से आज अपनी याचिकाओं में संशोधन किया. इन किसानों ने परियोजना के लिये उनकी जमीन के अधिग्रहण को चुनौती दी है
अहमदाबाद: मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना के लिये जमीन अधिग्रहण के खिलाफ गुजरात उच्च न्यायालय से गुहार लगाने वाले किसानों के एक समूह ने आज अपनी याचिका में संशोधन करते हुए केन्द्रीय भूमि अधिग्रहण कानून में राज्य के संशोधन को राष्ट्रपति की मंजूरी पर सवाल उठाये। सूरत के पांच में से चार किसानों ने अदालत की अनुमति से आज अपनी याचिकाओं में संशोधन किया.
इन किसानों ने परियोजना के लिये उनकी जमीन के अधिग्रहण को चुनौती दी है . मुख्य न्यायाधीश आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति वी एम पंचोली की खंडपीठ ने मामले में अगली सुनवाई के लिये छह जुलाई की तारीख तय की. बताना चाहेंगे कि केंद्र सरकार द्वारा अहमदाबाद से मुंबई तक बुलेट ट्रेन चलाने की योजना प्रस्तावित है. जिसके लिए कुछ जगहों पर किसान जमीन का उचित मुआवजा नहीं दिए जाने का आरोप लगाते हुए सरकार को अपनी जमीन देने से इनकार कर रहे है.
मुंबई से गुजरात के लिए शुरू होने वाले बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला वर्ष सितंबर 2017 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिन्जो आबे ने रखी थी. इस परियोजना को गुजरात के आठ जिलों में प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है, जिन जिलों से होकर यह ट्रेन चलेगी.