Diwali Special: दिवाली (Diwali 2021) की तैयारी जोर-शोर पर है. नई-नई आधुनिक आतिशबाजी जैसे पटाखों (Fire Cracker) को खरीदने के लिए बाजारों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है. वहीं दूसरी ओर गुजरात के वडोदरा (Vadodara Gujarat) में चार सौ साल पुराने पारंपरिक तरीके से बनाए जाने वाले बम-पटाखे और आतिशबाजी एक बार फिर से चर्चा का केंद्र बन गए हैं.
यहां वडोदरा के कुम्हारवाड़ा और फतेहपुर में इन पारंपरिक पटाखों को खरीदने के लिए लोगों में उत्साह देखा जा रहा है. हालांकि नए अत्याधुनिक पटाखों के चलते ये अब बाजारों में नहीं बिक रहे हैं. लेकिन कुम्हारवाडा और फतेहपुर के कारिगरों ने एक बार फिर चार सौ साल पुरानी तकनीक से बनाए जाने वाले इन पटाखों की शुरुआत की है. Happy Dhanteras Messages 2021: धनतेरस पर ये हिंदी मैसेजेस HD Wallpapers, WhatsApp Stickers और GIF Images के जरिये भेजकर दें शुभकामनाएं
प्रमुख परिवार फाउंडेशन एनजीओ की मदद से इन पारंपरिक पटाखों की एक बार फिर शुरुआत हुई है. जिसके बाद ये चर्चा का केंद्र बन गए हैं. एनजीओ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' से इंस्पायर होकर ये कमद उठाया गया है. जिसमें यहां के स्थानीय कारीगरों को एनजीओ ने मदद की और चार सौ साल पुरानी तकनीक से बनाए जाने वाले पारंपरिक पटाखों को बनाए जाने की फिर शुरुआत की गई.
400-year-old method of making firecrackers with clay revived in Vadodara
Read @ANI Story | https://t.co/T7uOsImV94 pic.twitter.com/rVoF88N6vG
— ANI Digital (@ani_digital) November 2, 2021
प्रमुख परिवार फाउंडेशन के अध्यक्ष नीतल गांधी ने कहा कि, ये फायर क्रेकर शत प्रतिशत स्वदेशी है. ये पूरी तरह मिट्टी से बनाए गए हैं और इनमें किसी भी तरह का केमिकल नहीं मिलाया गया है. इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि इससे पर्यावरण को नुकसान हो. इसके साथ ही इसने रोजगार के नए अवसर भी पैदा किए है. उन्होंने बताया कि ये पूरी तरह इको फ्रेंडली है और साथ ही यह बच्चों के लिए भी सुरक्षित है.
एनजीओ ने बताया की हमने बजट को ध्यान में रखते हुए इन्हें तैयार किया है. लागत और मेहनत के हिसाब से इनकी कीमत तय की गई है. उन्होंने बताया कि इनकी कीमत 300 रुपये से 400 रुपये के बीच तय की गई है.