अब पनीर और दूध पर नहीं लगेगा GST! सरकार ने दिए बड़े टैक्स राहत, जानिए किन डेयरी प्रोडक्ट्स पर कितनी होगी बचत
Tax Free Dairy Products

अगर आपके मन में भी सवाल उठता है, कि करी में डाला जाने वाला पनीर अब टैक्स-फ्री हो गया है, लेकिन बर्गर या सैंडविच में इस्तेमाल होने वाले चीज़ पर अभी भी 5% जीएसटी (GST) क्यों लिया जा रहा है, तो आप अकेले नहीं हैं. दरअसल, भले ही दोनों डेयरी प्रोडक्ट हैं, लेकिन सरकार टैक्स के मामले में इन्हें अलग तरह से मानती है.

क्यों अलग है पनीर और चीज़ पर टैक्स का नियम?

जीएसटी काउंसिल के मुताबिक, पहले से ही बिना पैकिंग और बिना लेबल वाले पनीर पर कोई टैक्स नहीं लिया जाता था. नया बदलाव केवल पैक्ड (Packed) और लेबल (Labeled) वाले पनीर के लिए किया गया है. चूंकि पनीर ज़्यादातर छोटे स्तर पर यानी घरेलू कारोबारियों और छोटे उद्योगों में तैयार किया जाता है, इसलिए सरकार ने इसे टैक्स से छूट देकर स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने और छोटे कारोबारियों को राहत देने का कदम उठाया है.

किन-किन डेयरी प्रोडक्ट्स पर मिली राहत?

जीएसटी काउंसिल की बैठक 3 सितंबर 2025 को हुई थी, जिसमें सरकार ने कई डेयरी प्रोडक्ट्स पर जीएसटी दरों में कटौती की और कुछ प्रोडक्ट्स को पूरी तरह टैक्स-फ्री कर दिया.

प्रोडक्ट पुराना GST नया GST स्थिति
अल्ट्रा हाई टेम्परेचर दूध 5% 0% टैक्स-फ्री
पनीर 5% 0% टैक्स-फ्री
कंडेंस्ड मिल्क 12% 5% टैक्स घटा
मक्खन, फैट्स और चीज़ 12% 5% टैक्स घटा
घी 12% 5% टैक्स घटा

क्या प्लांट-बेस्ड मिल्क भी टैक्स-फ्री हुआ?

पहले से ही साधारण डेयरी दूध पर जीएसटी नहीं लगता था, और अब सरकार ने अल्ट्रा हाई टेम्परेचर दूध को भी टैक्स-फ्री कर दिया है. इसके साथ ही प्लांट-बेस्ड दूध (Plant-Based Milk) पर भी राहत दी गई है. सोया मिल्क ड्रिंक (Soya Milk Drink) पर टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है, जबकि अन्य प्लांट-बेस्ड मिल्क ड्रिंक्स पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है.

किसे होगा फायदा?

सरकार का कहना है, कि इन टैक्स कटौतियों का मुख्य उद्देश्य ज़रूरी डेयरी प्रोडक्ट्स को सस्ता करना है, ताकि किसानों और ग्रामीण उपभोक्ताओं को सीधे तौर पर फायदा मिल सके. नया जीएसटी स्ट्रक्चर 22 सितंबर 2025 से लागू होगा, जो नवरात्रि के पहले दिन से शुरू होगा. इसमें टैक्स स्लैब घटाकर सिर्फ 5% और 18% कर दिए गए हैं.

यानी अब दूध, पनीर और घी जैसे ज़रूरी सामान कम दाम पर मिलेंगे, जिससे रसोई का खर्च घटेगा और आम उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी.