GST Council Meeting: निर्मला सीतारमण ने लिए कई अहम फैसले, रेमडेसिविर पर 5% तो इन महंगी दवाईयों पर नहीं लगेगा जीएसटी, यहां पढ़े पूरी खबर

GST Council Meeting: जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने कई बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लेते हुए कोरोना वायरस (Coronavirus Medicines) से संबंधित महंगी दवाइयों पर छूट दी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना के इलाज में महत्वपूर्ण दवाई रेमडेसिविर (Remdesivir) पर जीएसटी में 5% लगेगा. जबकी इसके साथ ही कोरोना के अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण दवाइयों पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा.

जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, फोटो-एएनआई.

GST Council Meeting: जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने कई बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लेते हुए कोरोना वायरस (Coronavirus Medicines) से संबंधित महंगी दवाइयों पर छूट दी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना के इलाज में महत्वपूर्ण दवाई रेमडेसिविर (Remdesivir) पर जीएसटी में 5% लगेगा. जबकी इसके साथ ही कोरोना के अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण दवाइयों पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा.

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि, एम्फोटेरिसिन-बी और टोसीलिज़ुमैब पर जीएसटी नहीं लगेगा. उन्होंने कहा कि, रेमडेसिविर और हेपरिन पर 5% जीएसटी लगेगा. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि ये छूट 31 दिसंबर 2021 तक जारी रहेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा, कैंसर संबंधी ड्रग्स जैसे कीट्रूडा पर जीएसटी की दर 12% से घटाकर 5% की गई है.

 

इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, कोरोना से संबंधित दवाओं पर जीएसटी दरों में छूट दी गई थी जो 30 सितंबर तक लागू थी. उन्होंने बताया कि अब इस छूट को 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ा दिया गया है. उन्होंने कहा, जीएसटी दरों में ये छूट सिर्फ दवाइयों में दी जाएगी, पहले जो लिस्ट जारी की गई थी उसमें कई तरह के दूसरे उपकरण भी शामिल थे.

 

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में चल रही जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर जीएसटी के बारे में कहा, क्या पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए, इस मुद्दे पर कोर्ट के निर्देश के चलते चर्चा हुई. उन्होंने बताया, कई सदस्यों ने साफ तौर पर कहा कि वे नहीं चाहेंगे कि इसे जीएसटी के दायरे में लाया जाए.
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