नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार को अगले 6 महीने तक आरबीआई अथवा किसी अन्य संस्था से कोई फंड लेने की जरूरत नहीं है. एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में वित्त मंत्री ने विपक्षी पार्टियों के उन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विभिन्न योजनाओं को फंड देने के लिए आरबीआई तक पहुंचने की कोशिश में थी. वित्त मंत्री ने विपक्ष के आरोपों पर कड़े शब्दों में कहा ‘मुझे अगले छह महीनों तक पैसों की जरुरत नहीं.’
वित्त मंत्री ने इंटरव्यू में कहा, ‘हमें अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पाने के लिये अन्य संस्थाओं से किसी तरह के अतिरिक्त धन की आवश्यकता नहीं है. मैं इसे स्पष्ट करना चाहता हूं कि सरकार की इस तरह की कोई मंशा नहीं है. हम यह भी नहीं कह रहे हैं कि अगले छह माह में हमें कुछ धन दीजिए. मुझे इसकी जरूरत नहीं है.
बता दें कि विपक्ष केंद्र पर लगातार आरोप लगाता रहा है कि सरकार आरबीआई के अधिकारों को कमजोर करने की कोशिश कर रही है. विपक्ष के इस आरोप पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमारी सरकार आरबीआई की स्वायत्तता का सम्मान करती है’ लेकिन अगर कुछ सेक्टर्स को नकदी की जरुरत है. हम उन मुद्दों को उठाएंगे. यह भी पढ़ें- खुशखबरी: विदेशी पूंजी भंडार 56.89 करोड़ डॉलर बढ़ा, 393 अरब डॉलर के पार पहुंचा
रिजर्व बैंक के कोष पर सरकार की नजर होने की बात को लेकर हो रही आलोचना पर जेटली ने कहा कि पूरी दुनिया में केन्द्रीय बैंक के पूंजी ढांचे की एक रूपरेखा तय होती है. इसमें केन्द्रीय बैंक द्वारा रखी जाने वाली आरक्षित राशि तय करने का प्रावधान किया जाता है. जेटली ने कहा, ‘‘हम केवल यही कह रहे हैं कि इस बारे में कुछ चर्चा होनी चाहिये, कुछ नियम होने चाहिये जिसके तहत रिजर्व बैंक के लिये पूंजी ढांचे की रूपरेखा तय हो.