फेडरल रिजर्व के फैसले के बाद फीकी पड़ी सोने-चांदी की चमक, गोल्ड के दाम में 20 डॉलर प्रति औंस से ज्यादा की गिरावट दर्ज
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बावजूद सोने और चांदी में भारी गिरावट आई है. सोने-चांदी के भाव में जल्द ही मजबूती देखने को मिल सकती है क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के अनुमानों से महंगी धातुओं में निवेश की मांग बनी रहेगी.
मुंबई : अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बावजूद सोने और चांदी में भारी गिरावट आई है. अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर गुरुवार को सोने के भाव में 20 डॉलर प्रति औंस से ज्यादा की गिरावट आई. वहीं, चांदी के भाव में दो फीसदी से ज्यादा की कमजोरी दर्ज की गई. अंतर्राष्ट्रीय बाजार से मिले कमजोर संकेतों से भारतीय वायदा बाजार एमसीएक्स पर भी सोने और चांदी में सुस्त कारोबार चल रहा था.
कमोडिटी बाजार विश्लेषक अजय केडिया ने बताया कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने 11 साल बाद ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की है, जबकि बाजार को 50 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद थी. उन्होंने कहा कि ब्याज दरों में जितनी कटौती की गई है उस पर बाजार पहले ही अपनी प्रतिक्रिया दे चुका है, इसलिए कटौती के बाद सोने और चांदी में गिरावट देखी जा रही है.
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केडिया ने कहा कि इस समय सोने-चांदी के भाव गिरने का मुख्य कारण डॉलर में तेजी है. फेड द्वारा ब्जाज दर में कटौती के बाद डॉलर में जबरदस्त तेजी आई है जिससे डॉलर इंडेक्स मई 2017 के ऊंचे स्तर पर चला गया है.
दोपहर 1.15 बजे मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर सोने के अक्टूबर एक्सपायरी अनुबंध में 309 रुपये यानी 0.87 फीसदी की गिरावट के साथ 35,110 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले एमसीएक्स पर सोने में 35,110 रुपये से लेकर 35,250 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार हुआ.
वहीं, चांदी के सितंबर अनुबंध में 787 रुपये यानी 1.91 फीसदी की कमजोरी के साथ 40,440 रुपये प्रति किलो पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले चांदी में एससीएक्स पर 40,414 रुपये से लेकर 40,945 रुपये प्रति किलो के बीच कारोबार हुआ.
कॉमेक्स पर सोने के दिसंबर वायदा अनुबंध में 19.75 डॉलर यानी 1.37 फीसदी की गिरावट के साथ 1,418.05 डॉलर प्रति फिसला. चांदी का सिंतबर अनुबंध कॉमेक्स पर 2.06 फीसदी की गिरावट के साथ 16.067 डॉलर प्रति औंस पर बना हुआ था.
केडिया ने कहा कि फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने हालांकि ब्याज दरों में आगे कटौती को लेकर कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया है लेकिन संभव है कि जिस तरह 2016 के बाद ब्याज दरों में वृद्धि का सिलसिला चल रहा था उसी तरह फिर कटौती का भी दौर आए.
उन्होंने बताया कि अमेरिका में पिछले दिनों जो आर्थिक आंकड़े जारी हुए हैं वे प्राय: अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत देते हैं जिससे डॉलर में मजबूती है और सोने व चांदी की चमक फिलहाल फीकी पड़ गई है, हालांकि सोने-चांदी के भाव में जल्द ही मजबूती देखने को मिल सकती है क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के अनुमानों से महंगी धातुओं में निवेश की मांग बनी रहेगी.