Garuda Force: गरुड़ कमांडो को इंडियन एयरफोर्स का स्पेशल घातक फाॅर्स भी माना जाता है. यहां रात में हवा और पानी के लिए एक्सपर्ट होते है. फिलहाल गरुड़ कमांडो की सबसे ज्यादा तैनाती जम्मू और कश्मीर में है. इन्हें एयरबोर्न ऑपरेशन, एयरफील्ड सीजर और काउंटर टेररिज्म जैसे मसलों से निपटने के लिए ट्रेन किया जाता है. शांति के समय वायुसेना की एयर फील्ड की सुरक्षा करना इनकी एक मुख्य जिम्मेदारी होती है. यह भी पढ़ें: Nuh Violence: नूंह में 13 अगस्त तक बंद रहेगा इंटरनेट, अब तक 160 FIR और 393 गिरफ्तार
इस दौरान जम्मू-कश्मीर में गरुड़ विशेष बल के एक कमांडर का कहना है,"गरुड़ फोर्स ने घाटी में कई ऑपरेशन चलाए हैं और उन्होंने कई आतंकवादियों को खत्म करके काफी सफलता भी हासिल की है. वर्तमान में, भारतीय सेना के साथ यहां दो टीमें तैनात हैं,"
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#WATCH | J&K: "Garud Force has undertaken various operations in the valley and they have also achieved a lot of success by eliminating a number of terrorists. At present, there are two teams that are deployed here along with the Indian Army," says a commander of the Garud Special… pic.twitter.com/ecDM2A9pXI
— ANI (@ANI) August 12, 2023
गरुड़ कमांडो फोर्स का गठन
बता दें की गरुड़ कमांडो फोर्स का गठन साल 2004 में किया गया था. जब साल 2001 में आतंकियों ने जम्मू और कश्मीर में 2 एयरबेस पर हमला किया तो भारतीय वायु सेना को इस स्पेशल फोर्स की जरूरत महसूस हुई. गरुड़ कमांडो फोर्स की ट्रेनिंग भी नेवी के मार्कोस और आर्मी के पैरा कमांडोज की तर्ज पर होती है. वायु सेना के गरुड़ कमांडो वालंटियर नहीं होते हैं, बल्कि उन्हें सीधे स्पेशल फोर्स की ट्रेनिंग के लिए ही भर्ती किया जाता है. एक बार इस फोर्स को जॉइन करने के बाद ये कमांडो अपने पूरे करियर इस यूनिट के साथ ही रहते हैं. गरुड़ कमांडो बनना आसान नहीं होता है.