PM Garib Kalyan Yojana: मुफ्त अनाज वितरण योजना 30 नवंबर को हो रही समाप्त, आगे बढ़ाने पर विचार नहीं
कोरोना काल में देश के करीब 80 करोड़ राशन कार्डधारकों को मुफ्त अनाज मुहैया करवाने के लिए शुरू की गई स्कीम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) 30 नवंबर को समाप्त हो रही है और इसे आगे जारी रखने के बारे में अब तक कोई विचार नहीं हुआ है.
PM Garib Kalyan Yojana: कोरोना काल में देश के करीब 80 करोड़ राशन कार्डधारकों को मुफ्त अनाज मुहैया करवाने के लिए शुरू की गई स्कीम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) (PMGKAY) 30 नवंबर को समाप्त हो रही है और इसे आगे जारी रखने के बारे में अब तक कोई विचार नहीं हुआ है. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक मंत्रालय के तहत खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के एक सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार, पीएमजीकेएवाई के तहत हर महीने पांच किलो गेहूं या चावल मुफ्त बांटने की स्कीम 30 नवंबर को समाप्त हो जाएगी.
विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मुफ्त अनाज वितरण की इस योजना को आगे बढ़ाने के संबंध में फिलहाल कोई विचार नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) (NFSA) के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) (PDS) के लाभार्थियों को पहले से किफायती दरों जो राशन मिलता है, वह मिलता रहेगा, लेकिन पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त राशन वितरण की योजना 30 नवंबर तक ही है. यह भी पढ़े: खाद्य सुरक्षा के तहत नवम्बर तक मिलेगा मुफ्त अनाज : गहलोत.
बता दें कि कारोना महामारी से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के उपाय के तौर पर इस साल मार्च महीने में ही वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत पीएमजीकेएवाई की घोषणा की थी. पीएमजीकेएवाई के तहत आरंभ में अप्रैल, मई और जून के लिए हर महीने प्रत्येक राशन कार्डधारक को पांच किलो अनाज (गेहूं/चावल) और प्रत्येक राशन कार्डधारक परिवार को एक किलो दाल मुफ्त देने का प्रावधान किया गया था. बाद में इसे पांच महीने और बढ़ाकर 30 नवंबर तक कर दिया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 30 जून 2020 को पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त अनाज वितरण की स्कीम को आगे बढ़ाकर 30 नवंबर तक करने का एलान किया. जुलाई से लागू पीएमजीकेएवाई के दूसरे चरण में प्रत्येक राशन कार्डधारक परिवार के लिए एक किलो दाल की जगह एक किलो साबूत चना देने का प्रावधान किया गया. बताया जा रहा है कि मुफ्त अनाज वितरण की इस योजना का शतप्रतिशत वित्तीय भार केंद्र सरकार ने वहन किया है और यह योजना कोरोना काल में देश के गरीबों के लिए वरदान साबित हुई है.