Fact Check: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के नाम पर ठगी, ₹2100 जमा करने के बाद ₹5 लाख लोन देने का दावा; जानें वायरल दावे की असली सच्चाई
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के नाम पर एक फर्जी मंजूरी पत्र (Fake Approval Letter) का मामला सामने आया है, जिसमें ₹2,100 जमा करने के बाद ₹5 लाख का लोन मिलने का दावा किया गया है.
Fact Check: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के नाम पर एक फर्जी मंजूरी पत्र (Fake Approval Letter) का मामला सामने आया है, जिसमें ₹2,100 जमा करने के बाद ₹5 लाख का लोन मिलने का दावा किया गया है. सरकार ने इस पत्र को पूरी तरह फर्जी बताते हुए इसे अफवाह करार दिया है. PIB फैक्ट चेक ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए बताया कि यह पत्र नकली है और वित्त मंत्रालय या मुद्रा बैंक ने ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया है.
इसके साथ ही, यह स्पष्ट किया गया है कि Micro Units Development & Refinance Agency Ltd. (MUDRA) सीधे किसी व्यक्ति या उद्यमी को लोन नहीं देती है.
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फर्जीवाड़े से बचाव के लिए चेतावनी
सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस तरह के किसी भी फर्जी पत्र या स्कीम के झांसे में न आएं. मुद्रा बैंक सीधे व्यक्तियों को लोन नहीं देता है, बल्कि यह माध्यमों के जरिए कार्य करता है. किसी भी योजना से जुड़ी जानकारी के लिए सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
क्या है मुद्रा योजना?
मुद्रा (MUDRA) का पूरा नाम है Micro Units Development and Refinance Agency Ltd. इसे गैर-कॉर्पोरेट छोटे उद्यमों (Non-Corporate Small Business Sector - NCSBS) को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 2016 में सरकार द्वारा शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य छोटे उद्यमों को बैंकों, एनबीएफसी और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों जैसे माध्यमों से धन उपलब्ध कराना है.
मुद्रा योजना के तहत लोन के प्रकार
- शिशु (Shishu): ₹50,000 तक के लोन
- किशोर (Kishor): ₹50,000 से ₹5 लाख तक के लोन
- तरुण (Tarun): ₹5 लाख से ₹10 लाख तक के लोन
मुद्रा योजना के उद्देश्य
भारत में गैर-कॉर्पोरेट छोटे उद्यमों का लगभग 90% हिस्सा औपचारिक वित्तीय सहायता से वंचित है. इस समस्या को हल करने के लिए सरकार ने मुद्रा बैंक की स्थापना की है. इसका मकसद छोटे कारोबारियों को औपचारिक वित्तीय व्यवस्था में लाकर उन्हें सशक्त बनाना है.