Lucknow Golf Club: पूर्व मेयर के बेटे ने यूपी में एलीट क्लब के ड्रेस कोड के खिलाफ छेड़ी लड़ाई

जहां अधिकांश मंदिर भक्तों के लिए ड्रेस कोड लागू कर रहे हैं, वहीं पूर्व मेयर संयुक्ता भाटिया के बेटे और इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) के पूर्व अध्यक्ष प्रशांत भाटिया ने मंडलायुक्त, जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर उन सभी क्लबों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है

लखनऊ, 2 जुलाई: जहां अधिकांश मंदिर भक्तों के लिए ड्रेस कोड लागू कर रहे हैं, वहीं पूर्व मेयर संयुक्ता भाटिया के बेटे और इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) के पूर्व अध्यक्ष प्रशांत भाटिया ने मंडलायुक्त, जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर उन सभी क्लबों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, जो औपनिवेशिक नियमों को जारी रखते हैं और भारतीयों को उनकी संस्कृति और पोशाक के कारण अपमानित करते हैं. यह भी पढ़े: आग में तबाह हुआ 143 साल पुराना ऐतिहासिक सिकंदराबाद क्लब, बेहद दिलचस्प है इसका इतिहास

भाटिया को हाल ही में कुर्ता-पायजामा पहनने के कारण यहां गोल्फ क्लब में प्रवेश से रोक दिया गया था भाटिया ने बताय, "मुख्यमंत्री के आवास से कुछ ही दूरी पर स्थित क्लब ने मुझे यह कहते हुए प्रवेश देने से मना कर दिया कि क्लब द्वारा कुर्ता-पायजामा पहनने की अनुमति नहीं है उन्‍होंने कहा, लगभग 130 साल पहले स्वामी विवेकानन्द ने एक विदेशी मित्र के सवाल पर कहा था, 'आपकी और हमारी सोच में अंतर यह है कि आपके देश में आप किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके कपड़ों से आंकते हैं, यानी आपके देश में चरित्र दर्जी बनाता है लेकिन हमारे देश में चरित्र विचारों से बनता है.

प्रशांत भाटिया ने कहा, "लेकिन दुर्भाग्य से, आजादी के अमृत काल के 75 साल बाद लखनऊ में भी कुछ ऐसे क्लब हैं, जो किसी व्यक्ति की क्षमता और चरित्र का आकलन उसके कपड़ों से करते हैंउन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के सभी देशों में भारतीय पोशाक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर हमारी संस्कृति को गर्व से बढ़ावा देते हैं, ऐसे में देश के सबसे बड़े राज्य की राजधानी में भारतीय कपड़ों पर प्रतिबंध लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है भाटिया ने कहा, '' जब से मुझे बताया गया कि गोल्फ़ क्लब में भारतीय परिधानों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है,

तब से मैं आहत महसूस कर रहा हूँउन्होंने आगे कहा, "मैंने इस मानसिकता से लड़ने का फैसला किया है जो भारतीय कपड़ों को हेय दृष्टि से देखती है हमें स्वतंत्र हुए 75 साल हो गए हैं अगर इन क्लबों द्वारा भारतीय पोशाक को अनुमति नहीं दी जाती है, तो मैं मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री को पत्र लिखूंगा और इस मामले को हर संभव जगह पर उठाएं मैं उन क्लबों की सूची बना रहा हूं, जहां अंग्रेजों द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड का पालन किया जाता है, जो अप्रत्याशित और अन्यायपूर्ण है.

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