मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर बरप रहा है. इस जानलेवा वायरस की चपेट में नेता, अभिनेता, पुलिस, डॉक्टर से लेकर आम जनता तक कोई भी अछूता नहीं है. कोरोना वायरस के चपेट में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और उद्धव ठाकरे की सरकार के पीडब्लूडी मंत्री अशोक चव्हाण (Ashok Chavan) भी आ गए हैं. इस खबर से एक बार फिर राज्य में सनसनी फैल गई है. दरअसल इससे पहले एनसीपी नेता और मंत्री जितेन्द्र अव्हाड भी संक्रमित हो चुके हैं. वहीं हजारों की संख्या में पुलिसकर्मी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. कोरोना के आंकड़ो पर अगर नजर डालें तो माथे पर सिकन आना लाजमी है. राज्य में कोरोना के मरीजों की संख्या 50 हजार का आंकड़ा पार कर चुका है.
कोरोना की चपेट में आए अशोक चव्हाण मौजूदा समय में वे नांदेड के भोकर विधानसभा सीट से विधयाक हैं. इसके पहले वे नांदेड लोकसभा से सांसद थे. लेकिन 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में चुनाव नहीं जीत पाने पर पार्टी ने उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में विधानसभा का टिकट दिया. जिस चुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई और महाविकास आघाड़ी के साथ राज्य में सरकार बनने पर उद्धव सरकार में उन्हें पीडब्लूडी मंत्री बनाया गया. वहीं चव्हाण को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उनके विधानसभा क्षेत्र नांदेड के साथ ही पूरे प्रदेश के कांग्रेस के कार्यकर्ता सदमे में हैं. हर कोई उनके ठीक होने को लेकर प्रार्थना कर रहा है. चव्हाण के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने को लेकर गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया ने भी ट्वीट उनके ठीक होने के प्रार्थन की है. यह भी पढ़े: महाराष्ट्र में 24 घंटे के भीतर कोरोना के 3041 नए केस, राज्य में मरीजों की संख्या हुई 50 हजार के पार
गुजरात कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया का ट्वीट:
It is disheartening to learn that Maharashtra PWD minister and former CM Shri @AshokChavanINC ji has tested positive for #COVID
As a CoronaWarrior, you have been serving the people day in and out.
My prayers for your speedy recovery.
— Arjun Modhwadia (@arjunmodhwadia) May 24, 2020
बता दें कि इसके पहले महाराष्ट्र के आवास मंत्री और एनसीपी के नेता जितेंद्र आव्हाड का भी कोविड-19 के रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. फिलहाल अब उनकी तबियत में सुधार हो चुका है. लेकिन राज्य में बढ़ते आंकड़ो ने राज्य सरकार एक ऐसी चुनौती बन गई है जिससे जल्दी निपटारा पाना मुश्किल नजर आ रहा है.