क्रिकेट के बाद महेंद्र सिंह धोनी ने गो-पालन में लहराया परचम, पूर्वी भारत के पशुपालक का मिला ये खास सम्मान
क्रिकेट के बाद महेंद्र सिंह धोनी ने गो-पालन में लहराया परचम, पूर्वी भारत का पशुपालक का मिला ये खास सम्मान
रांची: भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) क्रिकेट के जगत में अपना नाम रोशन करने के बाद अब खेती-किसानी, पशुपालन में भी अपना नाम रोशन कर रहे हैं. अब तक उन्हें क्रिकेट से जुड़े डोमेस्टिक और इंटरनेशनल कई पुरस्कार मिल चुके हैं. वहीं इस बार धोनी को पूर्वी भारत के सर्वश्रेष्ठ गो-पालक का सम्मान मिला. उन्हें यह अवार्ड रांची के बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (BAU) में चल रहे किसान मेले में दिया गया. यह सम्मान झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो के हाथों धोनी के प्रतिनिधि के तौर पर आए उनके कर्मचारी कुणाल गौरव को दिया गया.
गो-पालक का सम्मान मिलने के बाद कुणाल गौरव ने कहा यह उसके लिए बड़ा ही गौरव के क्षण हैं कि उन्हें धोनी के बदले सम्मान लेने का मौक मिला. गौरव ने धोनी के बारे में बताया वे जब वे रांची में होते हैं तो दिन में एक बार फार्म हाउस जरूर आते हैं. वे फार्म हाउस के गायों से बहुत प्यार करते हैं. कुणाल के मुताबिक धोनी जब भी रांची में होते हैं, गायों की सेवा भी करते हैं. उनके खान-पान का भी खयाल रखते हैं. यह भी पढ़े: झारखंड: क्रिकेटर धोनी बने किसान, कर रहे हैं तरबूज और पपीते की खेती
कुणाल गौरव ने बताया रांची स्थित धोनी के ईजा फार्म हाउस में फिलहाल 73 गायें हैं. इनमें फ्रेजियन और साहिवाल नस्ल की गायें शामिल हैं. इन्हें पंजाब से लाया गया है. इन गायों से रोजाना लगभग 400 लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है. दूध बेचने के लिए धोनी ने रांची के कई इलाकों में आउटलेट खोल रखा है. फ्रेजियन नस्ल की गाय का दूध 55 रुपये लीटर और साहिवाल नस्ल की गाय का दूध 85 रुपये लीटर बेचा जा रहा है. गौरव ने कहा, दूध पहुंचाने का काम होम डिलीवरी की भी व्यवस्था है.
गौरतलब हो कि महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद खेती-किसानी, मुर्गी पालन में व्यस्त हैं. उन्होंने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच 2019 में हुए वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में खेला था. उसके बाद वे अपने खेत में सब्जियां उगाने, खेती-किसानी,पशुपालन में व्यस्त हैं.