वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कांफ्रेंस- कृषि, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी सेक्टर को लेकर कई बड़ी घोषणाएं

'आत्मनिर्भर भारत' अभियान पैकेज की तीसरी किस्त को लेकर प्रेस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र, फिशरीज, पशुपालन, डेयरी के लिए पैकेज का ब्योरा दिया.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Photo Credits: ANI/Twitter)

केंद्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ रुपए के 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' पैकेज पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आज तीसरी बार प्रेस कांफ्रेंस कर रही हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण की प्रेस कांफ्रेस शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि आज के ऐलान किसानों से जुड़े होंगे. 8 ऐलान कृषि सेक्टर से जुड़े बुनियादी ढांचे पर होंगे. वित्त मंत्री ने कहा कि आज कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों के लिए हम घोषणाएं करेंगें. उन्होंने कहा, लॉकडाउन के दौरान भी किसान काम करते रहे, छोटे और मंझोले किसानों के पास 85 फीसदी खेती है.

वित्त मंत्री ने कहा, ''पिछले छह साल से किसानों के कल्याण के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. देश के करोड़ों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 6,000 रुपये का लाभ मिल रहा है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को बाढ़, सूखे के समय उनके नुकसान की भरपाई हो रही है."

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' के लिए पीएम ने सप्लाय चेन और टेक्नोलॉजी सुधारों का जिक्र किया था. भारत के किसानों ने हमेशा विपरीत हालात में अपनी क्षमता दिखाई है. भारत दूध, जूट का नम्बर वन उत्पादक है. गन्ने कपास समेत कई उत्पादों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, लॉकडाउन अवधि के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 74,300 करोड़ रुपये से अधिक की खरीद की गई. पीएम किसान निधि में 18700 करोड़ रुपये का हस्तांतरण किया गया.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, सरकार तुरंत किसानों के लिए फार्म गेट के बुनियादी ढांचे के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का एग्री-इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड बनाने जा रही है. वित्त मंत्री ने कहा, लॉकडाउन अवधि के दौरान दूध की मांग 20-25 प्रतिशत कम हो गई. 2020-21 में डेयरी सहकारी समितियों को 2 प्रतिशत प्रति वर्ष दर से ब्याज उपदान प्रदान करने की नई योजना लाई गई है. इस योजना में 5000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी से 2 करोड़ किसानों को लाभ होगा.

वित्त मंत्री ने कहा, सरकार ने समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन के विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना शुरू करेगी. इस कार्यक्रम से 55 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. इसके अलावा सरकार माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज (MFEs) के लिए 10,000 करोड़ रुपये की योजना लेकर आई है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया, सरकार तुरंत किसानों के लिए फार्म गेट के बुनियादी ढांचे के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का एग्री-इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड बनाने जा रही है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 15,000 करोड़ रुपये का पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास कोष स्थापित किया जाएगा, हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए 4000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं; अगले 2 वर्षों में 10,00,000 हेक्टेयर जमीन को कवर किया जाएगा.

खुरपका-मुंहपका और ब्रुसेलोसिस के लिए 13,343 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया गया.

वित्त मंत्री ने कहा, एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्रों, संग्रह, विपणन और भंडारण केंद्रों और मूल्य संवर्धन सुविधाओं से संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये की योजना लागू की जाएगी, इससे 2 लाख मधुमक्खी पालनकर्ताओं की आय में वृद्धि होगी. ऑपरेशन ग्रीन्स को टमाटर, प्याज और आलू (TOP) से सभी फलों और सब्जियों (TOTAL) तक बढ़ाया जाएगा.

वित्त मंत्री ने कहा, किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्ति के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन किया जाएगा, कृषि उत्पादों में अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दालें, प्याज और आलू को डी-रेगुलेट किया जाएगा.

इससे पहले कौन से ऐलान किए गए-

इससे पहले गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना संकट काल में 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की दूसरी किस्त का ऐलान किया था. पैकेज में किसानों, प्रवासी मजदूरों, रेहड़ी वालों, छोटे कारोबारियों और मिडिल क्लास के लिए घोषणाएं शामिल कीं.

वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमण प्रवासी मजदूरों के लिए 3500 करोड़ की मदद का ऐलान किया था. उन्होंने कहा कि अगले 2 महीने तक हर मजदूर को 5 किलो गेहूं या चावल मिलेंगे. बिना राशन कार्ड वालें लोगों को भी राशन मिलेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि अब देश में ठेली पटरी पर दुकान चलाने वाले 10 हजार रूपये का लोन ले सकेंगे. इसका फायदा देश के 50 लाख स्ट्रीट वेंडरों को होगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि मजदूरों का कल्याण हमारे एजेंडे में सबसे ऊपर है. न्यूनतम मजदूरी वर्तमान में केवल 30 फीसदी श्रमिकों पर लागू होती है. हम इसे सार्वभौमिक बनाना चाहते हैं. साथ ही लेबर कानून में सुधार पर काम किया जा रहा है. अपने राज्यों में लौटे मजदूरों को काम दिया जाएगा.

वित्त मंत्री ने इससे पहले बुधवार को अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए 15 ऐलान किये थे. जिसमें MSME's के लिए बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ का लोन देने की घोषणा शामिल थी. ऐसा माना जा रहा है कि इससे 45 लाख MSME's को फायदा मिलने वाला है.

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