Budget 2023-24: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आगामी बजट (2023-24) को लेकर मंगलवार को तीसरी प्री-बजट मीटिंग की है. इस मीटिंग में वित्त मंत्री, कृषि के विशेषज्ञों और फूड प्रोसेसिंग के स्टेकहोल्डर के साथ बजट 2023 के लिए विचार-विमर्श किया. इस मीटिंग में भारतीय किसान संघ ने मांग रखी कि या तो किसान को इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा मिले या किसानों के इनपुट मटेरियल को जीएसटी से बाहर कर देना चाहिए, साथ ही इस बात पर भी चर्चा हुई की किसानों के नाम पर कंपनियों को दी जानी वाली सब्सिडी को सीधे किसानों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के रूप में भेजना चाहिए. वित्त मंत्री इससे पहले कल सोमवार को उद्योग जगत के दिग्गज और इंफ्रा सेक्टर और क्लाइमेट चेंज के विशेषज्ञों के साथ पहली मीटिंग कर चुकी हैं.
नदियों को जोड़ने के लिए बजट बढ़ाने पर भी बातचीत
इस मीटिंग में वित्त मंत्री ने कृषि के विशेषज्ञों और कृषि प्रसंस्करण उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ बजट 2023 के लिए बातचीत की. आज हुई इस मीटिंग में सिंचाई के लिए और नदियों को जोड़ने के लिए बजट बढ़ाने पर भी बातचीत हुई. इसके अलावा चाय, कॉफ़ी, स्पाइसेस, रबर और नारियल जैसे फसल को कृषि मंत्रालय के अंदर लाए जाने पर भी चर्चा हुई.
देखें ट्वीट-
Union Finance Minister Smt. @nsitharaman chaired her 3rd #PreBudget2023 consultation with the experts of #agriculture and representatives of #AgroProcessing industry in New Delhi, today. (1/2) pic.twitter.com/KpifQ1DMa8
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) November 22, 2022
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में चर्चा हुई कि बजट में जैविक कृषि यूनिवर्सिटी जो गाय और बकरी के रिसर्च के लिए है के लिए बजट बढ़ाना चाहिए. साथ ही वे किसान जो ग्रीन एनर्जी का इस्तेमाल करे उनको प्रोत्साहन दिया जाए, और किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की भी लिमिट को बढ़ाया जाए. इतना ही नहीं KCC कार्ड का इस्तेमाल FSSAI लाइसेंस के तौर पर किया जा सके और नेचुरल कृषि और आर्गेनिक कृषि को बढ़ाया जाए. यह भी पढ़ें: VIDEO: PM मोदी ने सोमनाथ मंदिर में की पूजा-अर्चना, गुजरात में आज चार रैलियों को करेंगे संबोधित
बुनियादी ढांचा उद्योग ने की टैक्स को युक्तिसंगत बनाने की मांग
इससे पहले बुनियादी ढांचा उद्योग ने बजट से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ सोमवार को हुई मीटिंग में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को युक्तिसंगत बनाने, बैंक से कर्ज को सुगम बनाने और सार्वजनिक व्यय बढ़ाने की मांग की है. उद्योग संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने 5जी नेटवर्क और सेवाओं के क्रियान्वयन के बीच वित्त मंत्री के समक्ष दूरसंचार क्षेत्र में शुल्क और करों में कटौती की भी मांग की.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 24 नवंबर को सेवा क्षेत्र और व्यापार संगठनों के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, जल और स्वच्छता क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों से मिलेंगी, और राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट-पूर्व बैठक 25 नवंबर को होगी. अगले साल के बजट में सरकार को उच्च मुद्रास्फीति की समस्या के समाधान के साथ मांग को गति देने, रोजगार सृजन तथा अर्थव्यवस्था को आठ प्रतिशत से अधिक की आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर लाने के लिये कदम उठाने की जरूरत होगी. यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पांचवां और 2024 में अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनावों से पहले अंतिम पूर्ण बजट है.