![Farmers Protest: किसानों का ऐलान- 6 फरवरी को पूरे देश में करेंगे राष्ट्रीय और राज्य मार्गों का चक्का जाम Farmers Protest: किसानों का ऐलान- 6 फरवरी को पूरे देश में करेंगे राष्ट्रीय और राज्य मार्गों का चक्का जाम](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2021/02/4-ANI-380x214.jpg)
नई दिल्ली, 1 जनवरी: केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा देश में लागू किए गए तीनों नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने फैसला लिया है कि वह आगामी छह फरवरी को पूरे देश में दिन में 12 बजे से 3 बजे तक राष्ट्रीय और राज्य मार्गों का चक्का जाम करेंगे. वहीं इससे पहले ANI न्यूज से बात करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा, 'सरकार बातचीत से इस समस्या का हल निकाले. हम बातचीत के लिए तैयार हैं, किसान मोर्चा के जो 40 संगठनों की 40 सदस्यों की कमेटी है, उससे सरकार बात करे.'
बता दें कि देश में किसान आंदोलन का आज 68वां दिन है. किसानों के बारे में बात करते हुए देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत के लिए तैयार है क्योंकि सिर्फ चर्चा के जरिए ही आगे बढ़ा जा सकता है. तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जानें और फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी देने की मांग के साथ हजारों किसान दो महीनों से अधिक समय से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
There will be a country-wide agitation on February 6; we will block roads between 12 pm and 3 pm, says Balbir Singh Rajewal, Bhartiya Kisan Union (R) pic.twitter.com/4o5tD6ckfR
— ANI (@ANI) February 1, 2021
बजट पेश करने के बाद सीतारमण ने एक सवाल के जवाब में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'हम समझ सकते हैं कि किसान सीमा पर क्यों बैठे हैं. अगर किसी भी किसान को कोई सवाल है, तो कृषि मंत्री ने कभी भी बातचीत के अवसरों से इनकार नहीं किया है.' उन्होंने कहा कि तोमर ने किसानों के साथ कई दौर की बातचीत की है और तीनों कानूनों पर खंड दर खंड सुझाव देने को कहा है.
वित्त मंत्री ने कहा, 'इसलिए मुझे लगता है, बातचीत ही एकमात्र समाधान है. सरकार बातचीत के लिए तैयार है. संसद का सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि बातचीत का प्रस्ताव अब भी बना हुआ है.' उन्होंने कहा कि जिन किसानों को संदेह या भ्रम है, उन्हें आगे आना चाहिए और सरकार के साथ बातचीत करनी चाहिए.