Farmers Protest: दिल्ली मार्च से पहले हरियाणा की सीमाओं पर किसानों का भारी जमावड़ा
पंजाब और हरियाणा के किसानों का एक बड़ा जमावड़ा बुधवार को भी हरियाणा की सीमाओं पर जारी रहा. न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी तथा अन्य मांगों पर सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद किसान अपना विरोध दर्ज कराने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच करने की तैयारी में हैं.
चंडीगढ़, 21 फरवरी : पंजाब और हरियाणा के किसानों का एक बड़ा जमावड़ा बुधवार को भी हरियाणा की सीमाओं पर जारी रहा. न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी तथा अन्य मांगों पर सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद किसान अपना विरोध दर्ज कराने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच करने की तैयारी में हैं. प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प की अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए, दोनों राज्यों ने अंतर-राज्यीय सीमा क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए जेसीबी, पोकलेन, टिपर या अन्य भारी अर्थमूविंग उपकरणों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
प्रदर्शनकारियों ने पंजाब-हरियाणा की शंभू सीमा पर पटियाला जिले में हरियाणा पुलिस के कंक्रीट बैरिकेड्स को तोड़ने के लिए लोहे की चादरों से ढके कई ट्रैक्टरों को तैनात किया था. किसान यूनियन नेताओं ने सोमवार को सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल के लिए एमएसपी पर दालें, मक्का और कपास खरीदने के केंद्र के प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह किसानों के हित में नहीं है. यह घोषणा किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल ने बैठक के बाद की. यह भी पढ़ें : Farmers Protest: दिल्ली के बॉर्डर पर जुटने लगे किसान, भारी संख्या में सुरक्षाबलों को किया गया तैनात- VIDEO
तीन केंद्रीय मंत्रियों - पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय - के एक पैनल ने रविवार को चंडीगढ़ में चौथे दौर की वार्ता के दौरान किसानों को पाँच साल का प्रस्ताव दिया था. मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए आगे बातचीत करने की अपील करते हुए मुंडा ने कहा, "हम अच्छा करना चाहते हैं, और ऐसा करने के लिए कई राय दी जा सकती हैं. ...बातचीत ही एकमात्र रास्ता है. बातचीत से समाधान जरूर निकलेगा.'' 'दिल्ली चलो' विरोध मार्च से ठीक पहले किसान नेता पंढेर ने कहा, "हम प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वह आगे आएं और किसानों के लिए एमएसपी गारंटी पर कानून की घोषणा करके इस विरोध को समाप्त करें."
उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्वक अपना 'दिल्ली चलो' मार्च जारी रखेंगे और "(यदि कोई हिंसा होती है तो) सरकार जिम्मेदार होगी". एक अन्य किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने युवाओं से नियंत्रण न खोने की अपील करते हुए कहा, ''हमारा इरादा कोई अराजकता पैदा करने का नहीं है... हमने सात नवंबर से दिल्ली पहुंचने का कार्यक्रम बनाया है. पर्याप्त समय था. इसका मतलब है कि सरकार हमारी उपेक्षा करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा, "यह सही नहीं है कि हमें रोकने के लिए इतने बड़े बैरिकेड लगाए गए हैं. हम शांति से दिल्ली जाना चाहते हैं. सरकार को बैरिकेड हटाकर हमें अंदर आने देना चाहिए. नहीं तो उन्हें हमारी मांगें पूरी करनी चाहिए. हम शांतिपूर्ण हैं."