Farmers Protest: कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे अब तक करीब 14 किसानों की मौत, 20 दिसंबर को पूरे देश के किसान देंगे श्रद्धांजलि
कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे अब तक 14 किसानों की मौत, 20 दिसंबर को पूरे देश के किसान देंगे श्रद्धांजलि
Farmers Protest: कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान पिछले तीन हफ्ते से सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं. इस बीच वे खुले आसमान के नीचे ठंड के बाद भी सिंघु बॉडर पर डेट हुए हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों को मानने को तैयार नहीं हैं. किसान नेताओं की मांग जहां तीनों कानून को वापस लेने की हैं. वहीं सरकार ने साफ किया है कि कानून वापस नहीं होंगे. कानून में सिर्फ संशोधन होगा. इस बात को किसान मानने को तैयार नहीं हैं. जिसकी वजह से किसानों का आंदोलन लंबा खिचता जा रहा है. इस बीच खुले आसमान के नीचे आंदोलन कर रहे किसानों की भीषण ठंड की वजह से जाने भी जा रही हैं.
कृष कानूनों के विरोध में सिंघु बॉडर पर डेट किसान नेता जगजीत सिंह ने मंगलवार को कहा बड़े दुख के साथे ये बात बतानी पड़ रही है कि अब तक जब से हमने दिल्ली में आकर आंदोलन लड़ना शुरू किया, यहां तक आते-आते हमारे लगभग 13-14 किसान, रोजाना औसतन एक किसान शहीद हो रहा है. हम 20 तारीख को पूरे देश में इन सभी किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. यह भी पढ़े: Randeep Surjewala Attacks PM Modi: रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री मोदी पर साधा निशाना, कहा-कोरोना काल में बिहार-बंगाल में चुनावी रैलियां संभव हैं तो संसद का शीतकालीन सत्र क्यों नही?
ठंड के चलते जान गवाने वाले किसानों को लेकर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी ट्वीट किया, उन्होंने लिखा यह चौंकाने वाला है कि दिल्ली की कड़कड़ाती सर्दी में किसानों के बीस दिनों के विरोध के बाद भी सरकार 'रद्द नहीं होगा' के रुख पर कायम है. यह स्पष्ट है कि किसानों और सरकार के बीच किसी भी समझौते के लिए संसद में एक नए विधेयक को पारित करने की आवश्यकता होगी.
वहीं अपनी मांगो को लेकर किसान नेता अभी सिंघु बॉर्डर पर डेट हुए हैं. उनका कहना है कि जब तक सरकार इस काले कानून को वापस नहीं ले लेती हैं. तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. इसके बदले में उन्हें सरकार की गोली ही क्यों ना खाना पड़े. वहीं आज पीएम मोदी गुजरात पहुंचे थे. जहां पर उन्होंने किसानों के आंदोलन को लेकर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आंदोलन कर रहे किसानों को गुमराह करने कोशिश की जा रही हैं.