अंबाला (हरियाणा), 12 मार्च : हरियाणा विधानसभा (Haryana Legislative Assembly) में ‘किसानों पर केन्द्रित’ अविश्वास प्रस्ताव के गिरने के एक दिन बाद राज्य के किसानों ने जींद और हिसार में बृहस्पतिवार को यातायात को अवरूद्ध कर दिया जबकि इनमें से कुछ ने सत्तारूढ़ पार्टी के एक विधायक के आवास के बाहर प्रदर्शन किया. अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन नहीं करने वाले हरियाणा के विधायकों के खिलाफ किसानों के एक समूह ने सिरसा और जींद में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी किसानों ने कुछ समय के लिए हिसार-जींद मार्ग को अवरूद्ध कर दिया और राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाये. अंबाला शहर (Ambala city) से सत्तारूढ भाजपा के विधायक असीम गोयल द्वारा राज्य विधानसभा में दिये गये बयान पर आपत्ति जताते हुए किसानों के एक समूह ने उनके प्रेम नगर स्थित आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि गोयल ने किसानों के संदर्भ में कुछ अप्रत्यक्ष टिप्पणी की थी.
प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि वे भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के विधायकों को किसी भी जनसभा के लिए उनके गांवों में नहीं प्रवेश करने देंगे क्योंकि उन्होंने तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने के लिए केन्द्र पर दबाव नहीं बनाया. किसानों ने जब गोयल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया तो उस समय वह वहां नहीं थे. सिरसा में किसानों के एक समूह ने हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख और स्थानीय विधायक गोपाल कांडा का पुतला फूंका. उन्होंने कहा कि कांडा किसानों के साथ खड़े नहीं हुए और उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया. गौरतलब है कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को आसानी से पराजित कर हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार ने बुधवार को विश्वासमत जीत लिया था. यह भी पढ़ें : Delhi-NCR Rains: अंधेरा आसमान और बादलों की गडगडाहट ने दिल्लीवासियों को दिलाई मानसून की याद, देखें वीडियो
मतों के विभाजन के बाद यह प्रस्ताव गिर गया. प्रस्ताव पर छह घंटे तक चली मैराथन चर्चा के अंत में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने सदन में घोषणा की कि अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ 55 और पक्ष में 32 मत पड़े थे. इस बीच चंडीगढ़ में बृहस्पतिवार को इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को अविश्वास प्रस्ताव लाने के बजाय अपनी पार्टी के विधायकों के साथ इस्तीफा देना चाहिए था.