Farmer Protest: 11 किसान आज से हर दिन 24 घंटे के लिए करेंगे भूख हड़ताल

नये कृषि कानूनों (New Farm Laws) के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों के धरना-प्रदर्शन (Farmer Protest) का सोमवार को 26वां दिन है. किसान नेताओं ने साफ कर दिया है कि उनकी मांग जब तक पूरी नहीं होगी. उनका आंदोलन इसी तरह से जारी रहेगा. इस बीच किसानों ने अपने आंदोलन को और भी तेज करने का फैसला किया है. सोमवार को जहां एक दिन भूख हड़ताल रखा है. वहीं, अब जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती है, तब तक हर दिन 11 किसान भूख पर बैठेंगे. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने जानकारी देते हुए बताया कि जब तक आंदोलन चलेगा तब तक हर रोज़ 11 किसान भूख हड़ताल पर बैठेंगे.

दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली:- नये कृषि कानूनों (New Farm Laws) के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों के धरना-प्रदर्शन (Farmer Protest) का सोमवार को 26वां दिन है. किसान नेताओं ने साफ कर दिया है कि उनकी मांग जब तक पूरी नहीं होगी. उनका आंदोलन इसी तरह से जारी रहेगा. इस बीच किसानों ने अपने आंदोलन को और भी तेज करने का फैसला किया है. सोमवार को जहां एक दिन भूख हड़ताल रखा है. वहीं, अब जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती है, तब तक हर दिन 11 किसान भूख पर बैठेंगे. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने जानकारी देते हुए बताया कि जब तक आंदोलन चलेगा तब तक हर रोज़ 11 किसान भूख हड़ताल पर बैठेंगे.

वहीं, इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत कहा था कि जब तक बिल वापिस नहीं होगा, MSP पर क़ानून नहीं बनेगा तब तक किसान यहां से नहीं जाएंगे. 23 तारीख को किसान दिवस के मौके पर किसान आप से कह रहे हैं कि एक समय का भोजन ग्रहण न करें और किसान आंदोलन को याद करें. बता दें कि बुराड़ी के संत निरंकारी समागम ग्राउंड में किसानों का प्रदर्शन कर रहे किसान संयुक्त मोर्चा के रामपाल सिंह ने बताया, इस संघर्ष को 3-4 महीने हो चुके हैं, पहले हमने ये संघर्ष पंजाब में लड़ा और अब दिल्ली में लड़ रहे हैं. जब तक ये कृषि कानून वापस नहीं होते हम नहीं जाएंगे. Farmer Protest: किसान आज करेंगे भूख हड़ताल, सरकार ने फिर दिया बातचीत का निमंत्रण.

ANI का ट्वीट:- 

गौरतलब हो कि इस बीच केंद्र सरकार ने एक बार फिर से किसानों को पत्र भेजा है. सरकार इस मसले का जल्द से जल्द हल चाहती है. लेकिन अब तक कोई बात नहीं बनी है. दरअसल संसद के मानसून सत्र में कृषि से जुड़े तीनों अध्यादेशों से संबंधित तीन अहम विधेयकों संसद में पेश किए गए और दोनों सदनों की मंजूरी मिलने के बाद इन्हें कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 के रूप सितंबर में लागू किए गए. इन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने मोर्चा खोल रहा है और उसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

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