मुंबई: राज्यसभा में लोगों के विरोध के बाद भी किसान से जुड़े तीनों बिल मोदी सरकार (Modi Govt) की तरफ से पास हुआ. जिस बिल पर रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने भी लोगों के विरोध के बाद भी हस्ताक्षर किया. हालांकि इस बिल पर राष्ट्रपति हस्ताक्षर ना करें राजनीति से जुड़े पार्टी के नेताओं ने संयुक्त रूप से राष्ट्रपति को पत्र लिखा था. वहीं इस बिल को पास होने के बाद ‘महाराष्ट्र विकास आघाडी’ (Maha Vikas Aghadi) सरकार की तरफ से कहा गया है महाराष्ट्र में इस बिल को लागू नहीं किया जायेगा.
‘महाराष्ट्र विकास आघाडी’ सरकार में राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात (Balasaheb Thorat) ने कहा कि सांसद में पारित बिल किसान विरोधी हैं. इसलिए उनकी सरकार इस बिल का विरोध करेगी. वहीं उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार इस बिल को महाराष्ट्र में लागू नहीं होने देगी. बल्कि इसका विरोध करेगी. उनके विरोध में शिवसेना भी उनके साथ है. इस बिल के विरोध करने के लिए हम साथ में बैठेंगे और आगे की रणनीति बनायेंगे. यह भी पढ़े: Farm Bills Enacted as Law: किसानों और विपक्ष के विरोध के बीच कानून में बदले तीनों कृषि बिल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लगाई मुहर
The Bills passed by Parliament are anti-farmers. So we're opposing it. Maha Vikas Aghadi will also oppose it & not implement it in Maharashtra. Shiv Sena is also with us. We'll sit together & form a strategy: Balasaheb Thorat, Minister of Revenue, Govt of Maharashtra. #FarmBills pic.twitter.com/Hwn3R8b5xG
— ANI (@ANI) September 27, 2020
वहीं राजस्व मंत्री थोरात ने कहा कि कृषि से जुड़े बिल के विरोध में कल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी स मुलाकात करने वाला हैं.
A Congress delegation will meet Governor Bhagat Singh Koshyari tomorrow, over #FarmBills: Balasaheb Thorat, Minister of Revenue, Government of Maharashtra pic.twitter.com/xMaNIjyoUa
— ANI (@ANI) September 27, 2020
बता दें कि किसान और राजनीतिक पार्टी के नेताओं के साथ ही केंद्र की मोदी सरकार में सहयोगी रही शिरोमणि अकाली दल इस बिल का विरोध कर रही हैं. यहां तक कि शिरोमणि अकाली दल से मोदी सरकार में मत्री रहीं हरसिमरत कौर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद भी मोदी सरकार ने लोकसभा के बाद राज्मेंयसभा में किसान से जुड़े तीनों बिल को पारित करवाया. जिस बिल को लागू करने के लिए आज राष्ट्रपति का हस्ताक्षर भी हो गया.