Fake BARC TRP Ratings Case: रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के Editor-in-Chief अर्नब गोस्वामी बोले- सुशांत मामले में मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह से किया सवाल, इसलिए हम पर लगा रहे हैं बेबुनियाद आरोप

मुंबई पुलिस द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने एक बयान जारी किया है. अर्नब गोस्वामी ने अपने बयान में फेक टीआरपी रेटिंग्स रैकेट में अपने चैनल की भागीदारी को खारिज करते हुए कहा कि सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में हमने मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह से सवाल किए थे, इसलिए रिपब्लिक टीवी पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं.

अर्नब गोस्वामी और परमबीर सिंह (Photo Credits: PTI/YouTube Screengrab)

Fake BARC TRP Ratings Case: मुंबई पुलिस ने फेक टीआरपी रैकेट (Fake TRP Racket) का पर्दाफाश करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Mumbai Police Commissioner Parambir Singh) ने कहा कि पैसे देकर टीआरपी (TRP) खरीदा जाता था, जिसमें रिपब्लिक टीवी (Republic TV) का नाम भी शामिल है. वहीं मुंबई पुलिस द्वारा लगाए गए इन आरोपों का खंडन करते हुए रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क (Republic Media Network) के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Gaoswami) ने एक बयान जारी किया है. अर्नब गोस्वामी ने अपने बयान में फेक टीआरपी रेटिंग्स रैकेट में अपने चैनल की भागीदारी को खारिज करते हुए कहा कि सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) मौत मामले में हमने मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह से सवाल किए थे, इसलिए रिपब्लिक टीवी पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं.

टॉप न्यूज एंकर ने आगे कहा कि चैनल के खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर रिपब्लिक भारत मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करेगा. गोस्वामी ने कहा कि चैनल पर आरोप लगाकर सुशांत सिंह राजपूत मामले में शहर की पुलिस की जांच से ध्यान हटाने की कोशिश की जा रही है.

देखें ट्वीट-

बता दें कि मुंबई पुलिस कमिश्नर ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि टेलीविजन रेटिंग पॉइंट में हेरफेर करने के लिए दो स्थानीय मीडिया ग्रुप और रिपब्लिक टीवी सहित तीन न्यूज चैनल एक रैकेट में शामिल हैं. हंसा रिसर्च ग्रुप के पूर्व कर्मचारियों के भी इसमें शामिल होने की आशंका है. सिंह ने प्रारंभिक जांच का हवाला देते हुए दावा किया कि उन चुनिंदा परिवारों को जो टीआरपी रेटिंग निर्धारित करने के लिए सर्वेक्षण का हिस्सा है. इन चैनलों को खुला रखने के लिए उन परिवारों को 400-500 रुपए का भुगतान किया गया. उन्होंने कहा कि लगभग 2 हजार परिवारों को इतनी रकम का भुगतान किया गया था. यह भी पढ़ें: Fake BARC TRP Ratings Racket Busted: फेक टीआरपी रेटिंग्स रैकेट का पर्दाफाश, मुंबई पुलिस ने फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा के कर्मचारी को किया गिरफ्तार, रिपब्लिक टीवी पर भी लगा आरोप

सिंह ने कहा कि फेक टीआरपी रैकेट के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जांच में रिपब्लिक चैनल का नाम सामने आ रहा है. इसके निदेशक, प्रमोटर या कर्मचारी के शामिल होने की संभावना है. हम उनकी जांच करने की प्रक्रिया में हैं.

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