पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने संभाली दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष की कमान, टाइटलर की मौजूदगी पर मचा सियासी बवाल

शीला दीक्षित के इस कार्यक्रम में 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में आरोपी जगदीश टाइटलर (Jagdish Tytler) भी देंखे गए. जिसको लेकर विरोधी पार्टियां विरोध करना शुरू कर दी है.

शीला दीक्षित व जगदीश टाइटलर (Photo Credtis ANI)

नई दिल्ली: पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (Ex- CM Sheila Dikshit) ने बुधवार को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का कार्यभार संभाल लिया. डीपीसीसी कार्यालय में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में शीला के साथ ही नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्षों- देवेंद्र यादव, राजेश लिलोठिया और हारून यूसुफ ने भी कार्यभार संभाला. इस ख़ास मौके पर मौजूद कार्यकर्ताओं ने ‘शीला दीक्षित आई है, बदलाव की आंधी आई है’ के नारे लगाए.

वहीं शीला दीक्षित के इस कार्यक्रम में 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में आरोपी जगदीश टाइटलर (Jagdish Tytler) भी देंखे गए. जिसको लेकर विरोधी पार्टियां विरोध करना शुरू कर दी हैं. बादें कि अजय माकन के इस्तीफा देने के बाद दिल्ली कांग्रेस में नई जान फूंकने के लिए पार्टी आलाकमान द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यह भी पढ़े: शीला दीक्षित को मिली दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की कमान, अजय माकन ने ट्वीट कर दी बधाई

टाइटलर की मौजूदी पर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि 'राहुल जी भी वही कर रहे हैं जो उनके परिवार ने किया था. उन्होंने दिखा दिया है कि सिखों की भावना के लिए उनके मन में कोई आदर नहीं है.' यह भी पढ़े: सिख दंगा: बीजेपी का राहुल गांधी के बयान पर पलटवार, राजीव गांधी को बताया ‘फादर ऑफ मॉब लिंचिंग’

बीजेपी के इन नेताओं के बयान बाद जगदीश टाइटलर ने भी पलटवार किया है. उनका कहना है कि उनको लेकर उठाए जा रहे सवाल गलत हैं क्योंकि उनके खिलाफ एफआईआर भी नहीं है. ऐसे में उनके ऊपर सवाल उठाना गलत है. यह भी पढ़े: दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने पर केजरीवाल-शीला दीक्षित में छिड़ी जुबानी जंग

जगदीश टाइटलर पर क्या है आरोप

जगदीश टाइटलर पर आरोप हैं कि उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान उत्तरी दिल्ली के गुरूद्वारा पुलबंगश के पास एक उग्र भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया जहां तीन सिखों बादल सिंह, ठाकुर सिंह और गुरचरण सिंह का कत्ल हुआ. ये लोग 1 नवंबर, 1984 को एक गुरद्वारे में छिपे हुए थे.

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