'बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय' में महात्मा बुद्ध के जीवन से संबंधित घटनाओं को दर्शाया जाएगा: CM नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को वैशाली पहुंचे और वैशालीगढ़ स्थित निर्माणाधीन 'बुद्ध सम्यक दर्शन सह बुद्ध स्मृति स्तूप' का निरीक्षण किया. उन्होंने निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण करने का निर्देश दिया.
हाजीपुर, 20 अगस्त : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को वैशाली पहुंचे और वैशालीगढ़ स्थित निर्माणाधीन 'बुद्ध सम्यक दर्शन सह बुद्ध स्मृति स्तूप' का निरीक्षण किया. उन्होंने निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि 'बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय' में महात्मा बुद्ध के जीवन से संबंधित घटनाओं और बौद्ध धर्म से जुड़े प्रसंगों को दर्शाया जाएगा. वैशालीगढ़ में कराए गए कार्यों को भी विवरणी के जरिए दर्शाए जाएं, जिससे लोग जान सकेंगे कि इस ऐतिहासिक धरोहर को विकसित करने के लिए कितने कार्य किए गए हैं.
निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने पूरे परिसर के विकास कार्यों का जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने बुद्ध स्तूप के भूतल एवं प्रथम तल का निरीक्षण कर निर्माण कार्य की जानकारी ली. उन्होंने पुस्तकालय एवं ध्यान कक्ष का भी निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं के बारे में जाना. निरीक्षण के दौरान भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने मुख्यमंत्री को बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय एवं बुद्ध स्मृति स्तूप के निर्माण कार्य की प्रगति की जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने आगंतुक केंद्र स्थित सम्मेलन कक्ष में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह बुद्ध स्मृति स्तूप परियोजना से संबंधित समीक्षा बैठक की. यह भी पढ़ें : चिराग ने यूपीएससी के ‘‘लेटरल एंट्री’’ से संबंधित विज्ञापन को रद्द किए जाने की सराहना की
बैठक में बताया गया कि निर्माण कार्य लगभग 80 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है और बचे हुए कार्य को दो माह में पूर्ण कर लिए जाएंगे. समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने जल्द से जल्द कार्य पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कहा कि परिसर में पौधरोपण भी कराई जाए. यहां अच्छे ढंग से वाटर बॉडी का भी निर्माण कराएं. साथ ही परिसर के अंदर भी रास्ते का निर्माण ठीक से कराएं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैशाली ऐतिहासिक और पौराणिक जगह है. भगवान बुद्ध के जितने भी अस्थि कलश मिले हैं, उसमें वैशाली में मिला अस्थि कलश सबसे प्रामाणिक है. बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह बुद्ध स्मृति स्तूप के बन जाने के बाद बौद्ध भिक्षु के साथ-साथ बड़ी संख्या में देश-विदेश से पर्यटक भी आएंगे. यहां बोधगया और राजगीर आने वाले श्रद्धालु भी आएंगे.