भारत में बिजली की मांग 'पीक आवर' में 207,111 मेगावाट के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंची
पूरे भारत में भीषण गर्मी के बीच, देश में बिजली की 'पीक आवर' में मांग शुक्रवार को 207,111 मेगावाट के सबसे ऊंचे स्तर को छू गई. यह बात बिजली मंत्रालय ने कही. मंत्रालय ने ट्वीट किया, "आज सुबह 14:50 बजे पूरे भारत में अधिकतम मांग 207111 मेगावाट तक पहुंच गई, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है.
नई दिल्ली, 29 अप्रैल : पूरे भारत में भीषण गर्मी के बीच, देश में बिजली की 'पीक आवर' में मांग शुक्रवार को 207,111 मेगावाट के सबसे ऊंचे स्तर को छू गई. यह बात बिजली मंत्रालय ने कही. मंत्रालय ने ट्वीट किया, "आज सुबह 14:50 बजे पूरे भारत में अधिकतम मांग 207111 मेगावाट तक पहुंच गई, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है." इस साल गर्मी का मौसम शुरू होने के बाद से ही बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है. मंत्रालय ने कहा कि इस महीने 28 अप्रैल तक बिजली की मांग 12.1 प्रतिशत बढ़कर 204.653 गीगावॉट हो गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 182.559 गीगावॉट थी.
गुरुवार को समूचे भारत में अधिकतम मांग 204,653 मेगावाट थी. इस बीच, दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार को कहा कि देशभर में कोयले का गंभीर संकट है और कई बिजली संयंत्रों में सिर्फ एक दिन का कोयला स्टॉक बचा है. चल रहे कोयला संकट पर जैन ने कहा, "(पावर) बैकअप नहीं (है) .. कोल बैकअप 21 दिनों से अधिक के लिए होना चाहिए, लेकिन कई बिजली संयंत्रों में एक दिन से भी कम का स्टॉक रह गया है. उन्होंने कहा, "अगर बिजली का उत्पादन होता रहे, और हमें मिलती रहे, तो कोई समस्या नहीं है. लेकिन अगर बिजली संयंत्र बंद हो जाता है, तो (दिल्ली में) बड़ी समस्या हो जाएगी. .. देश में कोयले की कमी है." यह भी पढ़ें : बढ़ती महंगाई के बीच जनता को राहत, लोकल एसी ट्रेनों में अब यात्रियों का किराया आधा
हालांकि, एनटीपीसी ने बाद में एक बयान जारी किया, जिसमें लिखा है : "दादरी की सभी छह इकाइयां और ऊंचाहार की पांच इकाइयां पूरी क्षमता से चल रही हैं और नियमित कोयला आपूर्ति प्राप्त कर रही हैं. इस समय स्टॉक क्रमश: 140,000 मीट्रिक टन और 95,000 मीट्रिक टन है, और आयात कोयले की आपूर्ति भी पाइपलाइन में है." बयान में कहा गया है : "इस समय, हम ऊंचाहार और दादरी स्टेशन ग्रिड को 100 प्रतिशत से अधिक रेटेड क्षमता की घोषणा कर रहे हैं. ऊंचाहार यूनिट 1 को छोड़कर उनकी सभी इकाइयां पूरे लोड पर चल रही हैं, जो वार्षिक नियोजित ओवरहाल के तहत है."