कांग्रेस की न्याय योजना पर नीति अयोग के VC राजीव कुमार का बयान आचार संहिता का उल्लंघन: चुनाव आयोग
नीति अयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार की मुश्किलें बढ़ गई है. दरअसल चुनाव आयोग ने जांच के बाद कुमार को चुनाव आचार संहिता का दोषी पाया है.
नई दिल्ली: नीति अयोग (Niti Aayog) के उपाध्यक्ष राजीव कुमार (Rajiv Kumar) की मुश्किलें बढ़ गई है. दरअसल चुनाव आयोग ने जांच के बाद कुमार को चुनाव आचार संहिता का दोषी पाया है. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की न्याय योजना (Minimum Income Guarantee Scheme) को लेकर एक टिप्पणी की थी जिसके बाद आयोग ने उनके खिलाफ नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.
चुनाव आयोग ने पत्र लिखकर राजीव कुमार के जवाब पर नाखुशी जाहिर की और कहा कि चुनाव आचार संहिता के प्रावधान प्रत्येक लोकसेवक से निर्वाचन प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित किये जाने की अपेक्षा करते हैं। इसके लिये लोकसेवकों को तटस्थ रवैया अपनाना चाहिये, जिससे चुनाव प्रक्रिया के सभी पक्षकारों के मन में कोई भ्रम पैदा न हो.
आयोग ने कहा, ‘‘आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आपके बयानों से आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है. इसके मद्देनजर आयोग इस पर अपनी नाखुशी जाहिर करते हुये अपेक्षा करता है कि भविष्य में आप इस बारे में सतर्कता बरतेंगे.’’
चुनाव आयोग को भेजे गए अपने जवाब में नीति आयोग के उपाध्यक्ष कुमार ने कहा था कि कांग्रेस की न्याय योजना के बारे में उनकी प्रतिक्रिया को निजी राय मानी जानी चाहिए. उन्होंने चुनाव आयोग से कहा था कि इसे नीति आयोग की प्रतिक्रिया नहीं समझी जाए.
गौरतलब हो कि कुमार ने निर्धन आय वर्ग के लोगों को 72 हजार रुपये सालाना न्यूनतम आय देने की कांग्रेस की न्याय योजना की आलोचना करते हुये इसे देश की अर्थव्यवस्था के लिये नुकसानदायक बताया था. जिसके बाद कई राजनीतिक दलों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी. कांग्रेस ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताने हुए चुनाव आयोग में शिकायत भी की थी.
जिसपर संज्ञान लेते हुये आयोग ने 27 मार्च को कुमार से जवाब तलब किया था. कुमार ने पांच अप्रैल तक विदेश में होने का हवाला देते हुए आयोग से जवाब देने के लिये पांच अप्रैल तक का समय मांगा था.