Rajasthan Board Exam 2019: राजस्थान में नजदीक है बोर्ड एग्जाम, मगर इलेक्शन ड्यूटी पर तैनात हैं टीचर्स, पढ़ाई बाधित होने से परेशान हुए छात्र

राजस्थान में बोर्ड की परीक्षाएं बेहद नजदीक हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य के अधिकांश स्कूली शिक्षक इलेक्शन ड्यूटी में तैनात हैं. ससे छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है और छात्र परेशान हो रहे हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर (फाइल फोटो)

Rajasthan Board Exam 2019: राजस्थान में बोर्ड (Rajasthan Board Exams) की परीक्षाएं बेहद नजदीक हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बावजूद राज्य के अधिकांश स्कूली शिक्षक इलेक्शन ड्यूटी (Election Duty) में तैनात हैं. दरअसल, कुछ समय पहले ही संपन्न हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान इन शिक्षकों की ड्यूटी लगी लगाई गई थी और अब उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) को लेकर इलेक्शन ड्यूटी पर तैनात कर दिया गया है, जिससे छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है और छात्र परेशान हो रहे हैं.

बता दें कि साल 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि किसी भी शिक्षक को काम के दिन और काम के दौरान इलेक्शन ड्यूटी में तैनात नहीं किया जा सकता. बावजूद इसके शिक्षकों को इलेक्शन ड्यूटी में तैनात किया गया है. राजस्थान में विधानसभा इलेक्शन के बाद फिलहाल शिक्षक चुनावी लिस्ट की समीक्षा करने में जुटे हैं.

हालांकि राजस्थान चुनाव आयोग ने इस बात से इंकार किया है कि वो शिक्षकों को काम के दौरान इलेक्शन ड्यूटी करा रहे हैं. राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी आनंद कुमार का कहना है कि स्कूल का काम और टाइम पूरा हो जाने के बाद ही राज्य के शिक्षकों को इलेक्शन ड्यूटी पर लगाया जा रहा है. इसके अलावा उनसे रविवार या छुट्टियों के दिन ही काम लिया जा रहा है.

उनका कहना है कि ऐसे में छात्रों की पढ़ाई पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ रहा है और न ही उनकी पढ़ाई किसी भी तरह से बाधित हो रही है. शिक्षकों को उनकी ड्यूटी पूरी करने के लिए पूरा समय दिया जा रहा है. यहां तक की छुट्टियों के दिन ही कैंप भी आयोजित किए जाते हैं. यह भी पढ़ें: JEE Main 2019 Result: जेईई मेन्स रिजल्ट घोषित, फटाफट jeemain.nic.in या nta.ac.in पर ऐसे देखें अपने मार्क्स

उधर, चुनाव आयोग के इन दावों का राज्य के शिक्षकों ने खंडन किया है. राजस्थान टीचर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता प्रकाश मिश्रा का कहना है कि हकीकत इससे बिल्कुल परे है. यहां कई शिक्षक ऐसे हैं जिन्हें इलेक्शन ड्यूटी के चलते पिछले सात महीने से अपनी क्लास में बच्चों को पढ़ाने का मौका तक नहीं मिला है, जो कि पूरी तरह से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है.

उनका कहना है कि क्लास के दौरान ही चुनाव आयोग के अधिकारी या ब्लॉक अधिकारी विधानसभा इलेक्शन के लिए शिक्षकों को ड्यूटी पर बुला लेते थे. हमने इस बाबत राज्य सरकार को लिखित सूचना भी दी थी, बावजूद इसके इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य के ग्रामीण और शहरी इलाकों में करीब 15,000 शिक्षक इलेक्शन ड्यूटी पर तैनात हैं.

Share Now

\