NEET-UG 2024: नीट को लेकर SC में नई याचिका, राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा के सभी OMR शीट्स की फिर से जांच की मांग

याचिका में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा के सभी OMR शीट्स की फिर से जांच और उम्मीदवारों की रैंकिंग को फिर से तय करने और कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई है.

नई दिल्ली: नीट परीक्षा के परिणामों में गड़बड़ी के मामले में एक नई याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. इस याचिका में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा के सभी OMR शीट्स की फिर से जांच और उम्मीदवारों की रैंकिंग को फिर से तय करने और कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई है.

यह याचिका अनुच्छेद 32 के तहत आठ उम्मीदवारों द्वारा दायर की गई है जिन्होंने 5 मई को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) दी थी. देश भर में लगभग 24 लाख छात्रों ने इस परीक्षा की तैयारी की थी और इसमें भाग लिया था.

NTA ने कई 'मनमाने और अवैध कार्यों और अनियमितताओं' का दावा किया

मूल्यांकन परिणामों में 'गंभीर विसंगतियों' को चुनौती देते हुए, याचिकाकर्ताओं ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण की मांग की है ताकि-

  1. 1563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स देने को अनुचित और अवैध घोषित किया जा सके.
  2. ग्रेस मार्क्स फॉर्मूला के आवेदन के बिना सभी OMR शीट्स का फिर से मूल्यांकन किया जाए और रैंक फिर से सौंपी जाए.
  3. कथित परिणामों में विसंगतियों की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति स्थापित की जाए.
  4. उम्मीदवारों द्वारा इस्तेमाल किए गए अनुचित साधनों का पता लगाने' के लिए एक पेशेवर फर्म से फोरेंसिक ऑडिट कराया जाए.
  5. इसके अतिरिक्त यह प्रार्थना की जाती है कि 4 जून (परिणामों की घोषणा) और 6 जून (परिणाम पूछताछ पर स्पष्टीकरण) को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति को अवैध घोषित किया जाए और रद्द किया जाए.

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की अवकाश पीठ ने 14 जून को याचिका पर नोटिस जारी किया. शुक्रवार (14 जून) को इसी तरह के मामले पर भी नोटिस जारी किया गया था जिसमें NEET UG परीक्षा में पेपर लीक की कथित घटनाओं की सीबीआई जांच की मांग की गई थी. NEET-UG 2024 से संबंधित सभी याचिकाओं को अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी.

13 जून को, एनटीए ने 1563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने को चुनौती देने वाली एक अन्य याचिका का जवाब दिया. इसमें कहा गया है कि ग्रेस मार्क्स वापस ले लिए जाएँगे और उन सभी 1563 छात्रों को या तो ग्रेस मार्क्स के बिना अपने अंकों को स्वीकार करने के लिए कहा जाएगा या फिर एक पुनर्मूल्यांकन परीक्षा में बैठने के लिए कहा जाएगा. यह याचिका अधिवक्ता तन्वी दुबे और अरिहंत जैन द्वारा तैयार की गई थी.

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