नए इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए AICTE ने जारी किया निर्देश, कहा- 2 साल में अपने स्थाई कैंपस में जाना होगा
तकनीकी शिक्षा विनियामक एआईसीटीई ने एक नया मानदंड बनाया है जिसके तहत अस्थाई परिसरों से चल रहे नए इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिये दो साल में स्थाई परिसरों में जाना अनिवार्य बनाया गया है. इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा था कि वह आईआईटी और आईआईआईटी के लिए जमीन मुहैया नहीं कराने वाले राज्यों के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाएगा.
तकनीकी शिक्षा विनियामक एआईसीटीई (AICTE) ने एक नया मानदंड बनाया है जिसके तहत अस्थाई परिसरों से चल रहे नए इंजीनियरिंग कॉलेजों (New Engineering Colleges) के लिये दो साल में स्थाई परिसरों में जाना अनिवार्य बनाया गया है. इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा था कि वह आईआईटी (IIT) और आईआईआईटी के लिए जमीन मुहैया नहीं कराने वाले राज्यों के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाएगा. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के नए मानदंडों के मुताबिक अगर कोई संस्थान समय-सीमा का पालन नहीं करता है तो वह स्वीकृत प्रवेश को 50 प्रतिशत तक घटा सकता है.
एआईसीटीई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा,‘‘अस्थाई परिसरों में चल रहे नए तकनीकी संस्थानों को मंजूरी पत्र की तारीख से दो साल के भीतर अपने स्थाई परिसरों में जाना होगा. एआईसीटीई ऐसे संस्थानों में विशेषज्ञों की समिति भेजेगी जो इन संस्थानों को स्थाई परिसरों में चलाने की राज्य सरकार की तैयारियों का आकलन करेगी.’’ यह भी पढ़ें- बीटेक के छात्र को हाईकोर्ट ने जमकर लगाई फटकार, कहा- देश पर दया करो, इंजीनियरिंग छोड़ दो
उन्होंने कहा, ‘‘दो साल के बाद भी यदि संस्थान अपने स्थाई परिसरों में नहीं जाते और मंजूरी प्रक्रिया के मानकों को पूरा नहीं करते तो स्वीकृत प्रवेश 50 प्रतिशत तक कम कर दिया जाएगा. अगर संस्थान चार साल तक भी स्थाई परिसर में नहीं जाता तो परिषद उचित कार्रवाई करेगी.’’