Delhi Covered in Dust: दिल्ली में पाकिस्तान से आई धूल, प्रदूषित हुई हवा, 18 मई तक नहीं सुधरेंगे हालात
डस्ट प्रदूषण को रोकने के लिए 84 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग (एमआरएस) मशीनों, 609 वॉटर स्प्रिंकलर और 185 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन की पूरी दिल्ली में अलग-अलग विभागों द्वारा तैनाती की गई है.
नई दिल्ली, 18 मई: दिल्ली में पाकिस्तान की धूल आ रही है. दिल्ली सरकार का कहना है कि पाकिस्तान और पश्चिम से चल रही धूल भरी हवाओं ने दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्क्यूस एक्यूआई और पीएम 10 को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाई है. यह देखा गया की 16 और 17 मई को दिल्ली शहर और एनसीआर के कई इलाके धूल की चपेट में आ गए थे और विजिबिलिटी भी कम हो गई थी.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक अचानक दिल्ली के एक्यूआई लेवल बढ़ने का कारण पश्चिम दिशा से चल रही हवा है, जिसके साथ थार और पाकिस्तान की धूल भी आ रही है. इसी वजह से दिल्ली में जहां 1 से 15 मई तक डस्ट प्रदूषण का योगदान केवल 11 प्रतिशत था, वहीं यह 16 और 17 मई को बढ़कर 65.77 प्रतिशत हो गया. परिणामस्वरूप इन दो दिनों में दिल्ली में पीएम10 खतरनाक स्तर तक चला गया. New Parliament Building Inauguration: पीएम मोदी 28 मई को करेंगे नए संसद भवन का लोकार्पण, रिकॉर्ड समय में बनकर हुआ तैयार
धूल भरी तेज हवाओं के चलते दिल्ली का एक्यूआई लेवल बढ़ा है. इसको देखते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को दिल्ली सचिवालय में वायु गुणवत्ता को लेकर समीक्षा बैठक की.
16 और 17 मई को दिल्ली में पीएम10 की मात्रा में बढ़ोतरी देखी गई. इसी को देखते हुए सभी एजेंसियों को सीएंडडी साइट्स पर लगातार एंटी स्मोग गन चलाने और पानी का छिड़काव करने के निर्देश दिए गए हैं. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सीएंडडी साइट्स पर एंटी स्मोग गन लगातार चलाने और लगातार पानी का छिड़काव करने के निर्देश जारी किए गए हैं.
गोपाल राय ने बताया कि समर एक्शन प्लान के तहत डस्ट प्रदूषण को रोकने के लिए 84 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग (एमआरएस) मशीनों, 609 वॉटर स्प्रिंकलर और 185 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन की पूरी दिल्ली में अलग-अलग विभागों द्वारा तैनाती की गई है. धूल प्रदूषण को लेकर पहले केवल 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साइट पर ही एंटी स्मोग गन लगाने का नियम था. अब नए नियम के आधार पर 5 हजार वर्गमीटर से लेकर उससे अधिक के एरिया के निर्माण साइट पर एंटी स्मोग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है.
इसके लिए सभी संबंधित विभागों को निर्माण साइट्स की लगातार निगरानी करने के निर्देश जारी किए गए हैं. कंस्ट्रक्शन साइटों पर नियम उल्लंघन होने पर एनजीटी के निर्देश के मुताबिक विभाग द्वारा उचित कार्रवाई की जाएगी.