Rivers Cross Danger Mark: बिहार में भारी बारिश! कोसी समेत कई नदियों ने खतरे के निशान को किया पार
बिहार में पिछले 24 घंटे में हुई मूसलाधार बारिश के कारण राज्य के नदी-नाले जहां उफान पर हैं, वहीं कोसी समेत कई नदियों का जल स्तर विभिन्न जगहों पर खतरे के निशान को पार कर चुका है.
पटना, छह जुलाई बिहार में पिछले 24 घंटे में हुई मूसलाधार बारिश के कारण राज्य के नदी-नाले जहां उफान पर हैं, वहीं कोसी समेत कई नदियों का जल स्तर विभिन्न जगहों पर खतरे के निशान को पार कर चुका है.
बिहार के जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ‘‘चार जुलाई से बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, गया, जहानाबाद, कैमूर, कटिहार, खगड़िया, मुंगेर, नालंदा, पटना, नवादा, पूर्णिया, सारण, शेखपुरा, सीवान और वैशाली सहित कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई.
’’विभाग के अधिकारियों ने कहा, ‘‘राज्य के कुछ जिलों में लगातार बारिश के कारण नदियां और नाले उफान पर हैं. इसके अलावा नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण भी कई स्थानों पर नदियां खतरे के निशान को छू रही हैं या उससे ऊपर बह रही हैं.’’ ये भी पढ़े :Heavy Rain: भारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा अस्थायी तौर पर स्थगित
उन्होंने कहा कि अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है और पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिलों के कुछ निचले इलाकों के ग्रामीणों को जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
डब्ल्यूआरडी की नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के कुछ इलाकों में मध्यम से भारी बारिश के कारण कोसी, बागमती, गंडक, कमला और अड़हरवा जैसी प्रमुख नदियों का जलस्तर पिछले कुछ दिनों से बढ़ गया है.
कोसी नदी सुपौल और बसंतपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि खगड़िया और बेलदौर इलाके में भी इसने शुक्रवार को चेतावनी के स्तर को छू लिया.इसी तरह, कमला नदी का जलस्तर मधुबनी, जयनगर और झंझारपुर इलाकों में चेतावनी के स्तर तक पहुंच गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि परमान नदी शुक्रवार को अररिया जिले में खतरे के निशान को पार कर गई है, खगड़िया और बेलदौर में कोसी नदी खतरे के निशान को छू रही है.गोपालगंज और सिधवलिया इलाके में गंडक नदी खतरे को निशान को पार कर गई है.
जल संसाधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘लगभग सभी नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है जो अपने किनारे के निचले इलाकों को अपनी चपेट में ले रही हैं. लेकिन सभी तटबंध सुरक्षित हैं.’’
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