US-India Trade Deal: टैरिफ वॉर के बीच ट्रंप ने दिखाई नरमी, भारत-अमेरिका ट्रेड डील को दी हरी झंडी! जमकर की PM मोदी की तारीफ
(Photo : X)

Donald Trump Confirms US-India Trade Deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि वो भारत के साथ एक बड़ी ट्रेड डील (व्यापार का सौदा) करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. दक्षिण कोरिया में APEC के एक कार्यक्रम में उन्होंने साफ-साफ कहा, "मैं भारत के साथ एक ट्रेड डील करने जा रहा हूँ और मेरे मन में प्रधानमंत्री मोदी के लिए बहुत सम्मान है." यह बयान इसलिए अहम है क्योंकि पिछले कुछ समय से दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर तनाव चल रहा है.

आपको याद होगा कि अमेरिका ने अगस्त में भारत से आने वाले ज्यादातर सामानों पर 50% का भारी-भरकम टैरिफ (यानी टैक्स) लगा दिया था. कहा गया कि इस 50% में से आधा जुर्माना इसलिए लगाया गया क्योंकि भारत रूस से तेल खरीद रहा है, जो अमेरिका को पसंद नहीं है.

फरवरी से ही दोनों देशों के बीच इस मसले पर बातचीत चल रही है. अमेरिका की मुख्य रूप से तीन मांगें हैं:

  1. भारत अपने खेती-किसानी (एग्रीकल्चर) के बड़े बाजार को अमेरिकी सामानों के लिए खोले.
  2. अमेरिका का जो व्यापार घाटा (यानी अमेरिका भारत से खरीदता ज्यादा है और बेचता कम है) है, उसे कम किया जाए.
  3. भारत, रूस से तेल खरीदना बंद करे.

भारत का क्या रुख है?

भारत अभी तक अपने कृषि सेक्टर को खोलने में झिझक रहा है. सरकार को डर है कि अगर अमेरिकी सामानों की बाढ़ आ गई, तो इससे भारत के किसानों और पशुपालकों को बड़ा नुकसान हो सकता है.

हालांकि, ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि अमेरिकी दबाव के चलते भारत ने शायद रूस से तेल की खरीद कुछ कम करनी शुरू कर दी है.

एक और पेंच: कश्मीर का मुद्दा

इस पूरी बातचीत में एक और पेंच है. ट्रम्प ने कई बार यह दावा किया है कि उन्होंने टैरिफ की धमकी का इस्तेमाल करके ही मई में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष (ऑपरेशन सिंदूर) को रुकवाया था.

नई दिल्ली (भारत सरकार) इस बात से बिलकुल इनकार करती आई है. भारत का कहना है कि पाकिस्तान के साथ सीजफायर में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी.

आगे क्या उम्मीद है?

इन सभी मतभेदों के बावजूद, एक भारतीय अधिकारी के मुताबिक बातचीत सही दिशा में जा रही है. अधिकारी ने कहा कि दोनों पक्ष "ठोस प्रगति" कर रहे हैं और जल्द ही किसी समझौते पर पहुँच सकते हैं, जिससे ये भारी-भरकम टैरिफ कम हो सकें.