नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल (GB Pant Hospital) ने शनिवार को एक सर्कुलर जारी करके अपने नर्सिंग कर्मियों को काम के दौरान मलयालम (Malayalam) भाषा का इस्तेमाल नहीं करने को कहा क्योंकि 'अधिकतर मरीज और सहकर्मी इस भाषा को नहीं जानते हैं' जिसके कारण असुविधा होती है. अपताल के कहा था कि सभी नर्सिंग कर्मियों को निर्देश दिया जाता है कि संचार के लिए केवल हिंदी और अंग्रेजी का उपयोग करें अन्यथा गंभीर कार्रवाई की जाएगी. Delhi: अनलॉक की प्रक्रिया के साथ राजधानी में प्रवासी श्रमिकों की वापसी शुरू.
सर्कुलर में दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल ने सभी नर्सिंग स्टाफ को संचार के लिए केवल हिंदी और अंग्रेजी का उपयोग करने का निर्देश दिया था और मलयालम भाषा के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी थी.
अस्पताल ने वापस लिया आदेश:
Delhi's Govind Ballabh Pant Institute of Post Graduate Medical Education & Research withdraws its circular directing nursing staff to communicate only in Hindi/English & disallowing use of Malayalam language. Hosp administration says circular was issued without their information. https://t.co/q0i6gMqO0o
— ANI (@ANI) June 6, 2021
पूरे मामले में बवाल के बाद अब अस्पताल ने 24 घंटे में ही आदेश को वापस ले लिया है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने अस्पताल प्रशासन से आदेश वापस लेने के लिए कहा. दिल्ली सरकार की ओर से इस तरह का आदेश जारी करने के लिए जीबी पंत अस्पताल के एमएस को नोटिस भी जारी किया गया है.
अस्पताल प्रशासन ने कहा था कि उन्हें शिकायत मिली है कि नर्सिंग स्टाफ अपनी लोकल भाषा मलयालम में बात करते हैं. शिकायतकर्ता ने कहा था इससे मरीजों को उनकी बात समझने में परेशानी होती है. इस शिकायत पर अस्पताल ने सर्कुलर जारी कर हिंदी या अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषा के उपयोग पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले को लेकर विरोध जताते हुए ट्वीट किया लिखा, "मलयालम किसी भी अन्य भारतीय भाषा की तरह ही भारतीय है. भाषा भेदभाव बंद करो!" कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सर्कुलर को आक्रामक और भारतीय नागरिकों के बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया था.