राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में हवा की गुणवत्ता (Air Quality) एक बार फिर बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है. दिवाली के बाद राजधानी और आस-पास के इलाकों में प्रदूषण के और गंभीर होने का अनुमान है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ ने कहा है कि दिवाली की रात दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'गंभीर श्रेणी' में पहुंच सकती है. दिवाली से पहले दिल्ली में कड़ी की गई सुरक्षा व्यवस्था, भीड़भाड़ वाले इलाकों में बढ़ाई गई पुलिस की मौजूदगी.
चिंता की बात यह है कि दरअसल, अभी पटाखे भी नहीं जल रहे हैं और पराली का धुआं भी काफी कम है लेकिन फिर भी प्रदूषण की धुंध से दम घुंटना शुरू हो गया है. दिवाली के बाद प्रदूषण बढ़ने के खतरे के बीच दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स अलर्ट जोन में पहुंच गया है.
पटाखों से उत्सर्जन शून्य रहने की स्थिति में दिल्ली में ‘पीएम 2.5’ प्रदूषण स्तर के चार से छह नवंबर के बीच 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने का अनुमान है. सफर ने कहा कि अगर उत्सर्जन, 2019 के पटाखों से संबंधित उत्सर्जन का 50 प्रतिशत भी रहा तो वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के चार नवंबर की रात से 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचने और इसके पांच नवंबर तक ऐसे ही बने रहने का अनुमान है.
आईएमडी, दिल्ली के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने कहा, 'अगले 24 घंटों में दिल्ली में कुल वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में रहने की उम्मीद है. आज पहली बार स्मॉग देखा गया. हम 4 और 5 नवंबर को विशेष रूप से वायु गुणवत्ता की निगरानी करेंगे. 6 और 7 नवंबर को हवा की गति बढ़ेगी.'
गौरतलब है कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ''अच्छा'', 51 से 100 के बीच ''संतोषजनक'', 101 से 200 के बीच ''मध्यम'', 201 से 300 के बीच ''खराब'', 301 से 400 के बीच ''बहुत खराब'' तथा 401 से 500 के बीच ''गंभीर'' माना जाता है.