कोरोना का प्रकोप: केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी बोले- तबलीगी जमात का ये तालिबानी जुर्म, माफी के लायक नहीं

दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन अब राजनीतिक रूप लेने लगा है. जब फांस गले में फंसी तो हर कोई जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है. वो चाहे पुलिस हो, दिल्ली सरकार या फिर मरकज तबलीगी जमात प्रबंधन. इसी बीच उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर लिखा है कि अब लोगों को एक बहाना मिल गया है. तो वहीं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने तीखी प्रक्रिया देते हुए कहा कि तबलीगी जमात का तालिबानी जुर्म. यह लापरवाही नहीं, गम्भीर आपराधिक हरकत है. जब पूरा देश एकजुट होकर कोरोना से लड़ रहा है तो ऐसे गम्भीर गुनाह को माफ नहीं किया जा सकता. जानबूझकर इस तरह की चीज़ों को किया गया है.

मुख्तार अब्बास नकवी (Photo Credits: IANS)

दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन अब राजनीतिक रूप लेने लगा है. जब फांस गले में फंसी तो हर कोई जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है. वो चाहे पुलिस हो, दिल्ली सरकार या फिर मरकज तबलीगी जमात प्रबंधन. इसी बीच उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर लिखा है कि अब लोगों को एक बहाना मिल गया है. तो वहीं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने तीखी प्रक्रिया देते हुए कहा कि तबलीगी जमात का तालिबानी जुर्म. यह लापरवाही नहीं, गम्भीर आपराधिक हरकत है. जब पूरा देश एकजुट होकर कोरोना से लड़ रहा है तो ऐसे गम्भीर गुनाह को माफ नहीं किया जा सकता. जानबूझकर इस तरह की चीज़ों को किया गया है.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए पूरे भारत में जनता कर्फ्यू की घोषणा करने से एक दिन पहले 21 मार्च को तब्लीगी जमात के निजामुद्दीन मरकज में 1,746 लोग थे जिनमें 261 विदेशी नागरिक शामिल थे. वहीं निजामुद्दीन स्थित मरकज तबलीगी जमात प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज होते ही दिल्ली पुलिस की चाल तेज हो गयी. वहीं अलग अलग राज्यों में भी मकरज में शामिल लोगों की तलाश की जा रही है. कई लोग सामने आ चुके हैं लेकिन अभी तक कई लोगों का पता नहीं चल पाया है.

ANI का ट्वीट:- 

उमर अब्दुल्ला ने किया था ट्वीट:-

गौरतलब हो कि इस बड़ी सभा में भारत के साथ ही विशेष रूप से इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिजस्तान जैसे कई राष्ट्रों से आए लोग शामिल थे. यहां से लोग देश के कुछ हिस्सों जैसे कि कश्मीर और आंध्र प्रदेश में लोगों के संपर्क में आए हैं, जो अब देश में इस महामारी के विस्फोट का खतरा पैदा करने वाली बात है. मंत्रालय ने कहा, हजरत निजामुद्दीन मरकज में 21 मार्च को लगभग 1,746 व्यक्ति रह रहे थे। इनमें से 216 विदेशी थे और 1,530 भारतीय थे. ( एजेंसी इनपुट )

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