कोरोना वायरस से ऐसे संक्रमित जो खुद ही ठीक हो चुके हैं और उनके शरीर में एंटीबॉडी का पता करने के लिये देश के कई बड़ों में शहरों में सीरो सर्वे कराया गया. इसी क्रम में दिल्ली में दूसरे सिरो सर्वे के परिणाम गुरुवार को जारी कर दिए गए. सर्वे में पाया गया है कि प्रदेश के 29.10 प्रतिशत लोगों में एंटीबाडीज मिले हैं. इसमें ये भी पता चला है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं और बच्चों में ज्यादा एंटीबॉडीज पाए गए हैं.
दरअसल दिल्ली में दूसरे सीरो सर्वे के तहत लिये गए करीब 15 हजार सैंपलों में से साढ़े 12 हजार की रिपोर्ट आ गई है. इस आधार पर दिल्ली में लगभग 29.10 फीसदी लोगों में कोरोना से लड़ने वाले एंटीबॉडी मिले हैं. एक से सात अगस्त तक दिल्ली में हुए दूसरे सिरो सर्वे के नतीजों का प्रारंभिक आकलन करने के बाद यह जानकारी सामने आई है. हालांकि, पूरे सैंपल की जांच के बाद इस सप्ताह के अंत तक पूरे आंकड़े जारी किए जाएंगे.
किस उम्र के लोगों को किया गया शामिल:
इस दौरान दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने बताया कि 28.3 फीसदी पुरुष, 32.2 फीसदी महिलाओं और 18 साल से कम उम्र के 34.7 फीसदी बच्चों में कोरोना के खिलाफ इम्युनिटी पाई गई. इसके साथ ही 18 से 49 साल के 28.5 प्रतिशत लोगों में और 50 साल से ऊपर के 31.2 फीसदी लोगों में इम्युनिटी पाई गई है. आपको बता दें कि पहला सिरो सर्वे 27 जून से 10 जुलाई के बीच किया गया था. इसमें पता चला था कि करीब 24 प्रतिशत लोगों के नमूनों में एंटीबॉडी की मौजूदगी थी.
यह भी पढ़ें- देश की खबरें | कोरोना वायरस काल में आईआईएम-आई के विद्यार्थी को मिला 80 लाख रुपये का वेतन पैकेज
हालांकि, विशेषज्ञ अभी इस पर कोई जानकारी हासिल नहीं कर पाए हैं कि यह क्षमता कितने दिनों तक रहेगी. एक तय संख्या के भीतर अगर लोगों में एंटीबॉडी पाई जाएगी तो इससे माना जा रहा है कि हर्ड इम्युनिटी विकसित हो सकती है. सर्वे के लिए बनाई गई गाइडलाइन के अनुसार सर्वे के लिए 18 से कम 25 प्रतिशत, 18 से 49 साल के बीच 50 और 50 साल से ऊपर के 25 प्रतिशत सैंपल्स लिये गए हैं.
एक महीने के भीतर करीब 5 फीसदी एंटीबॉडी:
वहीं इस रिपोर्ट के मुताबिक एक महीने के भीतर करीब 5 फीसदी बिना लक्षण के एंटीबॉडी में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. स्वास्थ्य विभाग को 12,598 लोगों की सैंपल रिपोर्ट दी गई, जिसमें से ढाई हजार सैंपल्स की अभी जांच चल रही है. शरीर में एंटीबॉडी पाए जाने का मतलब है कि शख्स के भीतर कोरोना से लड़ने की क्षमता हो गई है.
गौरतलब हो कि दिल्ली में पहला सीरो सर्वे के परिणाम जुलाई में आए थे. इसमें 21,387 लोगों के सैंपल लिये गए थे और 23.48 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाई गई थी. इसके परिणाम आने के बाद कहा जाने लगा था कि दिल्ली में 50 लाख लोगों में एंटीबॉडी पाए गए. इसके चलते दिल्ली सरकार ने हर महीने सीरो सर्वे कराने का फैसला किया. दूसरे सीरो सर्व में लगभग 29 फीसदी लोगों में इस वायरस से लड़ने की इम्युनिटी पाई गई है, जिससे पहले सर्वे द्वारा सामने आए तथ्यों को और मजबूती मिलती है.