Delhi: रिहायशी कॉलोनियों में लगाए जाएंगे 65 हजार लीटर पर डे वाले आरओ प्लांट्स
दिल्ली में बढ़ती आबादी और गर्मी के मौसम में पानी की मांग के चलते वाटर रिसोर्सेज पर दबाव है. ऐसे में जल बोर्ड द्वारा जल प्रदूषण को नियंत्रित करने और आबादी के हिसाब से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में काम किया जा रहा है.
नई दिल्ली, 8 मई : दिल्ली (Delhi) में बढ़ती आबादी और गर्मी के मौसम में पानी की मांग के चलते वाटर रिसोर्सेज पर दबाव है. ऐसे में जल बोर्ड द्वारा जल प्रदूषण को नियंत्रित करने और आबादी के हिसाब से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में काम किया जा रहा है. इसी के तहत दिल्ली की रिहायशी कॉलोनियों में बड़े आरओ प्लांट लगाए जाएंगे. जनता के लिए यह पानी पूरी तरह से निशुल्क होगा. प्रत्येक आरओ मशीन में प्रतिदिन 50 हजार लीटर पानी निकालने की क्षमता होगी. पानी की मांग बढ़ने पर इनके जरिए 65 हजार लीटर तक पानी पहुंचाया जा सकेगा. ऐसे परिवारों को आरएफआईडी कार्ड जारी किए जाएंगे, ताकि आरओ वाटर डिस्पेंसर पर पंच कर सकें.
पानी की मांग के अनुसार 10 लीटर और 20 लीटर की मात्रा में पानी का वितरण किया जाएगा. जहां पहले निवासियों को टैंकरों से पानी लेने के लिए काफी इंतजार करना पड़ता था, अब आरओ प्लांट लगने से इस समस्या से निजात मिलेगी. जेजे कॉलोनियों में लोगों को स्वच्छ जल की उपलब्धता से राहत मिलेगी. दिल्ली जल बोर्ड ने इस योजना के पहले चरण में जेजे कॉलोनियों में 30 आरओ प्लांट लगाने का फैसला लिया है. ये प्लांट्स चौबीस घंटे काम करेंगे, जिससे लोगों को पानी के टैंकर आने का इंतजार न करना पड़े. ये आरओ प्लांट विभिन्न स्थानों पर 8-10 वितरण इकाइयों से लैस होंगे. यह भी पढ़ें : Bihar Rape Case: कार्यक्रम में परफॉर्म करने के बहाने महिला को बुलाकर रेप, 3 लोग गिरफ्तार
इसी कड़ी में बोर्ड ने जल आपूर्ति नेटवर्क को मजबूत करने लिए आवश्यक निर्णय लिए हैं. ओखला में 10 पीपीएम तक अमोनिया को ट्रीट किया जाएगा. हरियाणा से आने वाले पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने और इसे ट्रीट करने को लेकर लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे को देखते हुए दिल्ली जल बोर्ड ने यह अहम फैसला लिया है. बोर्ड ने मौजूदा नॉन फंक्शनल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को 6 एमजीडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पुनर्वास करने की मंजूरी दी है, ताकि 10 पीपीएम तक अमोनिया को ट्रीट किया जा सके.
दिल्ली सरकार के मुताबिक पारंपरिक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स केवल 0.5 पीपीएम तक अमोनिया को ट्रीट कर सकते हैं. लेकिन अब ओखला में 15 साल पुराने अमोनिया रिमूवल प्लांट का उपयोग कर डीजेबी ने खर्च में कटौती की है. इसमें हरियाणा से यमुना में आने वाले पानी को ट्रीट किया जाएगा, ताकि पानी की गंभीर समस्या का समाधान हो सके. ओखला में नया 6 एमजीडी अमोनिया रिमूवल प्लांट न केवल दिल्ली में पीने योग्य पानी की कमी को पूरा करेगा, बल्कि पानी के सही इस्तेमाल के लिए भी सभी को प्रोत्साहित करेगा.
दिल्ली सरकार ने यूनिक फाइनेंशियल मॉडल के तहत 40 एमजीडी रिठाला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को अपग्रेड करने और बेहतर तरीके से संचालित करने का फैसला लिया है. इसके अपग्रेड होने से बीओडी और टीएसएस का स्तर भी क्रमश: 15 मिलीग्राम से घटकर 10 मिलीग्राम और 20 मिलीग्राम से 10 मिलीग्राम हो जाएगा. इस यूनिक फाइनेंशियल मॉडल की मुख्य विशेषता यह है कि सरकार को शुरूआती चरण के लिए केवल 24 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा. वहीं, कुल 260 करोड़ रुपये का भुगतान 10 वर्षों की अवधि में किश्तों के रूप में किया जाएगा.