Delhi Power Crisis: गहराते बिजली सकंट के बीच केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय (Power Ministry of India) ने एक फेक्ट शीट (Fact Sheet of Electricity Supply) शेयर कर केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) के बिजली आपूर्ति के दावों को खंडन किया है. ऊर्जा मंत्रालय ने पिछले दो हफ्तों का रिकॉर्ड शेयर कर कहा है कि दिल्ली में जितनी मांग थी उतनी बिजली सप्लाई की गई है. पॉवर शॉर्टेज जैसी कोई बात नहीं है. बिजली संकट और कोयले की कमी के बीच आया केंद्र सरकार की राज्यों को दो टूक, कहा- अगर कोई राज्य पावर एक्सचेंज में बिजली बेचता हुआ पाया गया तो...
ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि, दिल्ली में 10 अक्टूबर को अधिकतम 4536 मैगावाट (4536 MW (peak) & 96.2 MU (Energy)) बिजली की जरूरत थी जो दिल्ली सरकार को उसकी मांग के अनुरूप सप्लाई की गई थी. उन्होंने कहा कि बिजली संकट के आरोप झूठे हैं. मंत्रालय ने पिछले दो हफ्ते के आकंडें शेयर कर बताया कि केजरीवाल सरकार ने जितनी बिजली की मांग की थी उतनी सप्लाई की गई है.
Maximum demand of Delhi was 4536 MW (peak) & 96.2 MU (Energy) on 10th Oct. As per info from Delhi DISCOMs, there was no outage on account of power shortage,as required amount of power was supplied to them. Power supply position to Delhi in last 2 weeks given below: Power Ministry pic.twitter.com/MvOaSFDtyg
— ANI (@ANI) October 12, 2021
वहीं दूसरी ओर पिछले 10 दिनों में दिल्ली डिस्कॉम को दी गई घोषित क्षमता को ध्यान में रखते हुए, ऊर्जा मंत्रालय ने एनटीपीसी और डीवीसी को दिल्ली को बिजली की आपूर्ति सुरक्षित करने के निर्देश दिए हैं. केंद्र सरकार ने कहा कि, इस दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दिल्ली की वितरण कंपनियों को मांग के अनुसार बिजली दी जाएगी.
बता दें कि इससे पहले रविवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि दिल्ली में किसी तरह की बिजली की कोई समस्या नहीं होने जा रही है और लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. देश में पर्याप्त कोयला है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के इस बयान का समर्थन केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी किया था.
वहीं इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिजली संकट पर चिंता जताते हुए कहा था कि देश में हालात ठीक नहीं हैं. कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है. वहीं, इससे पहले दिल्ली सरकार के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि एनटीपीसी से उन्हें सिर्फ 55 फीसदी बिजली सप्लाई ही हो रही है और केंद्र सरकार दावा कर रही है कि देश में कोयला या बिजली का कोई संकट नहीं आने वाला है.