Delhi Pollution: जहरीली हवा में सांस लेना हुआ मुश्किल, गंभीर स्थिति में प्रदूषण; नहीं थम रहा पराली जलाने का सिलसिला
ल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण लोगों को बेहाल कर रहा है. लोग साफ औऱ स्वच्छ हवा लेने को तरस रहे हैं. दूर तक फैला धुंए और धूल का गुबार टेंशन दे रहा है. दिल्ली में शनिवार को भी ‘धुंध’ की मोटी चादर छाई रही.
नई दिल्ली पांच नवंबर: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण लोगों को बेहाल कर रहा है. लोग साफ औऱ स्वच्छ हवा लेने को तरस रहे हैं. दूर तक फैला धुंए और धूल का गुबार टेंशन दे रहा है. दिल्ली में शनिवार को भी ‘धुंध’ की मोटी चादर छाई रही. वहीं समग्र वायु गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी में बनी हुई है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 408 दर्ज किया गया है. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, 37 में से 24 निगरानी स्टेशन में एक्यूआई पूर्वाह्न करीब 11 बजे “गंभीर” श्रेणी में रहा. दिल्ली के अस्पतालों में खांसी, जुकाम और सांस लेने में कठिनाई वाले रोगियों की संख्या बढ़ी.
हालांकि कुछ इलाकों में एक्यूआई में मामूली सुधार हुआ और वह “गंभीर’’ से ‘‘बहुत खराब” श्रेणी में दर्ज किया गया. इनमें आनंद विहार (394), मथुरा रोड (381), दिलशाद गार्डन (278), आईटीओ (396), लोधी रोड (371), पंजाबी बाग (357) और पूसा (385) शामिल हैं.
इस बीच पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने का सिलसिला जारी है जिससे दिल्ली सहित NCR की हवा में और जहर घुल रहा है.
पंजाब में जलाई जा रही पराली
एक्यूआई जब 400 से ऊपर चला जाता है तो उसे ‘‘गंभीर” माना जाता है जो सेहतमंद लोगों को प्रभावित कर सकता है और पहले से बीमार लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. जिन इलाकों में एक्यूआई “गंभीर” श्रेणी में दर्ज किया गया है उनमें अलीपुर (434), अशोक विहार (425), बवाना (450), जहांगीरपुरी (444), मुंडका (434), नरेला (452), नेहरू नगर (422), पटपड़गंज (420), रोहिणी (437), सोनिया विहार (446), विवेक विहार (426) और वजीरपुर (432) शामिल हैं.
सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के राष्ट्रीय राजधानी से हटे शहरों में भी हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है. उसके मुताबिक, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक्यूआई 350, नोएडा में 369, ग्रेटर नोएडा में 333 दर्ज किया गया जबकि यह हरियाणा के गुरुग्राम में 356 और फरीदाबाद में 350 रहा.
एक्यूआई को शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 24 घंटे की औसत पीएम2.5 सांद्रता 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक सुरक्षित मानी जाती है. दिल्ली में खतरनाक प्रदूषण के स्तर से चिंतित दिल्ली सरकार ने बच्चों की सुरक्षा के लिए प्राथमिक स्कूलों को शनिवार से बंद कर दिया है.