JNU छात्र शरजील इमाम के 'टुकड़े-टुकड़े' बयान पर केस दर्ज, असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- 'भारत मुर्गी की गर्दन नहीं, जो टूट जाए'
पुलिस के अनुसार, बिहार निवासी और जवाहलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील ने ‘‘सीएए और एनआरसी के विरोध में काफी उकसाऊ और भड़काने वाले भाषण’’ दिए।
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के दौरान चर्चा में आए कार्यकर्ता शरजील इमाम (Sharjeel Imam) पर संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में रविवार को मामला दर्ज किया. वहीं शरजील के भड़काऊ बयान को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने निंदा की है. उन्होंने कहा कि कि भारत कोई मुर्गी की गर्दन नहीं है जो टूट या अलग हो जाए. यह एक राष्ट्र है. जिसे कोई नहीं तोड़ सकता है.
पुलिस के अनुसार, बिहार निवासी और जवाहलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील ने ‘‘सीएए और एनआरसी के विरोध में काफी उकसाऊ और भड़काने वाले भाषण’’ दिए. उन्होंने कहा, ‘‘उसने पिछले साल 13 दिसंबर को भी जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भी ऐसा ही भाषण दिया था और इसके बाद सरकार के खिलाफ उकसावे वाला एक और भाषण दिया जो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से चल रहा है.’’ यह भी पढ़े: CAA Protest: शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद, कहा- ये संविधान बचाने की लड़ाई है
पुलिस ने बताया कि इन भाषणों से ‘‘धार्मिक सौहार्द्रता और भारत की एकता एवं अखंडता के नुकसान पहुंचाने की संभावना’’ है जिसके लिए उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. इमाम को एक ऑडियो क्लिप में यह कहते हुए सुना गया कि असम को भारत के शेष हिस्से से काटना चाहिए और सबक सिखाना चाहिए क्योंकि वहां बंगाली हिंदुओं और मुस्लिम दोनों की हत्या की जा रही है या उन्हें निरोध केंद्रों में रखा जा रहा है.
ऐसी खबर है कि उसने यह भी कहा था कि अगर वह पांच लाख लोगों को एकत्रित कर सकें तो ‘‘असम को भारत के शेष हिस्से से स्थायी रूप से अलग किया जा सकता है...अगर स्थायी रूप से नहीं तो कम से कम कुछ महीनों तक तो किया ही जा सकता है. दिल्ली पुलिस ने बताया कि इमाम के खिलाफ भादंसं की धारा 124 ए, 153ए और 505 के तहत मामला दर्ज किया गया है.